बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस में आने के बाद से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. इस बीच दिवंगत अजीत जोगी की पत्नी और कोटा से विधायक रेणु जोगी ने इसपर प्रतिक्रिया दी है.
रेणु जोगी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ज्ञानेंद्र उपाध्याय के विवेक से लिया गया फैसला बताया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने पर उन्हें पर शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी उनके परिवार में अजीत जोगी के निधन से शोक है. इसलिए अभी वे और उनकी पार्टी इन सब बातों पर चिंतन करना नहीं चाहते हैं.
मरवाही क्षेत्र के लोगों का रखेंगे ध्यान
इधर, जोगी के निधन से खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट के संबंध में उन्होंने कहा कि जब तक मरवाही से नया विधायक चुनकर नहीं आता तब तक एक पत्नी होने के नाते यह उनका नैतिक जिम्मेदारी है कि वे मरवाही क्षेत्र के लोगों का ध्यान रखें.
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रेणु जोगी ने बताया कि, इसके लिए उन्होंने उस क्षेत्र के कई बाजारों में जनसंपर्क कर स्थानीय लोगों को अपने मोबाइल नंबर दिए हैं, जिससे वे जरूरतंदों की मदद कर सकें.
कांग्रेस को जिताने के लिए काम करेंगे
इधर, कांग्रेस में शामिल होने के बाद पेंड्रा पहुंचे ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस प्रवेश पर कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बुलावे पर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि, जब तक अजीत जोगी जीवित थे और उन्हें उनकी जरूरत थी वे उनके साथ थे. अब वे अपनी मूल पार्टी में आलाकमान के दिए गए निर्देशों का पालक करेंगे. ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मरवाही उपचुनाव पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर चुनाव में जेसीसी(जे) से अमित जोगी भी सामने होंगे तो भी वे कांग्रेस को जिताने के लिए काम करेंगे.