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एनटीपीसी भू-विस्थापितों को हाईकोर्ट से राहत, कोर्ट ने दिया ये आदेश ! - किसानों की जमीन अधिग्रहित

बिलासपुर (Bilaspur) के सीतप गांव (Sitap village) के एनटीपीसी(NTPC) में 25 विस्थापितों (25 Displaced) को वर्षों बाद जाकर राहत की उम्मीद नजर आ रही है. हाई कोर्ट के सिंगल बेंच (Single bench of the court) ने अपने फैसले में भू-विस्थापित (Land displaced) प्रभावित परिवार के एक सदस्य को पुनर्वास नीति (Resettlement policy) के तहत रोजगार देने और अन्य सुविधाएं देने का निर्देश दिया है.

relief from high court to NTPC
भूविस्थापितों को हाइकोर्ट से राहत
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Published : Sep 25, 2021, 8:52 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 11:12 PM IST

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) के सीतप गांव (Sitap village) के एनटीपीसी (NTPC) में 25 विस्थापितों (25 Displaced) को सात साल बाद अब जाकर राहत की उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल, हाई कोर्ट के सिंगल बेंच (Single bench of the court)ने अपने फैसले में भूविस्थापित (Land displaced) प्रभावित परिवार के एक सदस्य को पुनर्वास नीति (Resettlement policy)के तहत रोजगार देने और अन्य सुविधाएं देने का निर्देश दिया है.

बताया जा रहा है कि गतौरा निवासी वेदराम साहू और कई ग्रामीणों ने वकील सुशोभित सिंह और प्रभाकर सिंह चंदेल के माध्यम से हाईकोर्ट (High court) में याचिका दायर कर कहा कि सीपत मेंं एनटीपीसी पावर प्लांट (NTPC Power Plant) की स्थापना के दौरान उनके अलावा आसपास के आठ गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित (Farmers' land acquired) की गई है.

भूमि अधिग्रहण के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारियों और राज्य शासन के बीच समझौता हुआ कि, केंद्र सरकार द्वारा तय अधिग्रहण और पुनर्वास नियमों का पालन किया जाएगा. याचिका में बिजली कंपनी ने भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा तो दिया पर पुनर्वास नीतियों और केंद्र के नियमों का आज तक पालन नहीं किया गया है.

जानिए क्यों अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा बिश्रामपुर ?

पावर प्लांट में नौकरी देने की मांग

वहीं, याचिकाकर्ताओं ने पुनर्वास नीति का पालन करते हुए प्रभावित परिवार के एक सदस्य को एनटीपीसी पावर प्लांट में नौकरी देने की मांग की है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय.के.अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई. केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता भूमि विस्थापितों को महाप्रबंधक एचआर एनटीपीसी के कार्यालय में 30 दिन में अपना दावा संबंधी आवेदन जमा करने कहा है. वहीं, याचिकाकर्ता अपना पक्ष एचआरडी एनटीपीसी सीपत के समक्ष रखेंगे. विभाग को प्रत्येक आवेदनकर्ताओं के आवेदन संबंधी दावों का दस्तावेज तैयार कर, दस्तावेज को कलेक्टर बिलासपुर को देना होगा.

कलेक्टर और महाप्रबंधक एनटीपीसी 45 दिनों के भीतर करेंगे फैसला

इसके साथ ही कलेक्टर या अफसर, एनटीपीसी के साथ सार्वजनिक रूप से सुनवाई करेंगे. इसमें याचिकाकर्ता या उनके प्रतिनिधि और एनटीपीसी को सुनवाई के बाद दो महीने के भीतर निर्णय करना होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की तारीख से 45 दिनों के भीतर सभी याचिकाकर्ता के मामले में व्यक्तिगत आदेश पारित करें.

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) के सीतप गांव (Sitap village) के एनटीपीसी (NTPC) में 25 विस्थापितों (25 Displaced) को सात साल बाद अब जाकर राहत की उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल, हाई कोर्ट के सिंगल बेंच (Single bench of the court)ने अपने फैसले में भूविस्थापित (Land displaced) प्रभावित परिवार के एक सदस्य को पुनर्वास नीति (Resettlement policy)के तहत रोजगार देने और अन्य सुविधाएं देने का निर्देश दिया है.

बताया जा रहा है कि गतौरा निवासी वेदराम साहू और कई ग्रामीणों ने वकील सुशोभित सिंह और प्रभाकर सिंह चंदेल के माध्यम से हाईकोर्ट (High court) में याचिका दायर कर कहा कि सीपत मेंं एनटीपीसी पावर प्लांट (NTPC Power Plant) की स्थापना के दौरान उनके अलावा आसपास के आठ गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित (Farmers' land acquired) की गई है.

भूमि अधिग्रहण के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारियों और राज्य शासन के बीच समझौता हुआ कि, केंद्र सरकार द्वारा तय अधिग्रहण और पुनर्वास नियमों का पालन किया जाएगा. याचिका में बिजली कंपनी ने भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा तो दिया पर पुनर्वास नीतियों और केंद्र के नियमों का आज तक पालन नहीं किया गया है.

जानिए क्यों अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा बिश्रामपुर ?

पावर प्लांट में नौकरी देने की मांग

वहीं, याचिकाकर्ताओं ने पुनर्वास नीति का पालन करते हुए प्रभावित परिवार के एक सदस्य को एनटीपीसी पावर प्लांट में नौकरी देने की मांग की है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय.के.अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई. केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता भूमि विस्थापितों को महाप्रबंधक एचआर एनटीपीसी के कार्यालय में 30 दिन में अपना दावा संबंधी आवेदन जमा करने कहा है. वहीं, याचिकाकर्ता अपना पक्ष एचआरडी एनटीपीसी सीपत के समक्ष रखेंगे. विभाग को प्रत्येक आवेदनकर्ताओं के आवेदन संबंधी दावों का दस्तावेज तैयार कर, दस्तावेज को कलेक्टर बिलासपुर को देना होगा.

कलेक्टर और महाप्रबंधक एनटीपीसी 45 दिनों के भीतर करेंगे फैसला

इसके साथ ही कलेक्टर या अफसर, एनटीपीसी के साथ सार्वजनिक रूप से सुनवाई करेंगे. इसमें याचिकाकर्ता या उनके प्रतिनिधि और एनटीपीसी को सुनवाई के बाद दो महीने के भीतर निर्णय करना होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की तारीख से 45 दिनों के भीतर सभी याचिकाकर्ता के मामले में व्यक्तिगत आदेश पारित करें.

Last Updated : Sep 25, 2021, 11:12 PM IST
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