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'विद्या' से चमकेंगे सूर्यवंशी मोहल्ला के 'सितारे', खाकी ने उठाई है जिम्मेदारी - पुलिस बनेंगे बच्चे

अक्सर पुलिस का नाम सुनते ही जहन में खाकी वर्दी पहने ऐसे शख्स की तस्वीर उभरती है, जो हाथ में बंदूक थामे लोगों पर अपना रौब दिखाता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है. कुछ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं, जो इन धारणाओं को सिरे से खारिज करते दिखती है. ऐसी ही एक तस्वीर बिलासपुर से आई है.

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'विद्या' से चमकेगा सूर्यवंशी मोहल्ला
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Published : Jul 23, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 11:08 PM IST

बिलासपुर: रतनपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की है. पुलिस ने बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. रतनपुर पुलिस बेलतरा के सूर्यवंशी मोहल्ले में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चों को न सिर्फ पढ़ाएगी, बल्कि उन्हें इस कदर मजबूत बनाएगी कि वे अपने आस-पास होने वाले अपराध के खिलाफ जंग लड़ेंगे. इसके साथ ही अपराध पर काबू करने में पुलिस की मदद करेंगे. बेलतरा में रहने वाले अधिकतर लोग परिवार के पालन पोषण के लिए रोजी मजदूरी करते हैं. ऐसे में बच्चों को उचित शिक्षा देना उनके लिए संभव नहीं है, लेकिन मुसीबत के बीच एक उम्मीद की नई किरण जगी है, जो बच्चों के सपनों को उड़ान भरने में मददगार साबित होगी.

'विद्या' से चमकेंगे सूर्यवंशी मोहल्ला के 'सितारे'

बेलतारा गांव में बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते थे, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती है. इसके अलावा यहां रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी बना रहता था, लेकिन इसी बीच रतनपुर थाने में पदस्थ थाना प्रभारी ललिता मेहर बेलतरा पहुंची. जहां छोटी-छोटी बच्चियां को बिना मास्क के मोहल्ले में धूमते देखी, जिसके बाद बच्चों से पढ़ाई लिखाई की जानकारी ली. बच्चियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अभी स्कूल बंद है. इसलिए मोहल्ले में घूमते खेलते रहते हैं.

बच्चियों की बातें सुनकर हुई तकलीफ

थाना प्रभारी ललिता मेहर बताती हैं, बच्चियों की बातों को सुनकर उनको बहुत तकलीफ हुई. उन्होंने पहले सभी बच्चों को मास्क पहनाया. सोशल डिस्टेंस और साफ-सफाई की जानकारी दी. उन्होंने तत्काल उस मोहल्ले में एक निःशुल्क कोचिंग क्लास चलाने का निर्णय लिया. सभी बच्चों के बैठने और पढ़ने लिखने के लिए सामाग्री की व्यवस्था की. मेहर ने यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया है.

'बच्चे काफी होनहार हैं, सही राह दिखाने की जरूरत'

उन्होंने बताया कि इस मोहल्ले में करीब 11 बच्चे 10 बजे से पढ़ने के लिए आते हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए मोहल्ले के ही एक लड़के को टीचर नियुक्त किया गया है. इनमें सभी बच्‍चे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं, जिनको अब 'विद्या...एक किरण उम्मीद की' कोचिंग सेंटर में शिक्षा मिलेगी. थाना प्रभारी कहती हैं अधिकतर बच्चे पढ़ने में तेज हैं, लेकिन सही दिशा और सलाह नहीं मिलने पर ये पिछड़ जाएंगे. इन बच्चों के स्कूल के सिलेबस के अलावा अंग्रेजी, गणित और जनरल नॉलेज पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. ये बच्चे काफी होनहार हैं, जिन्हें सिर्फ सही राह दिखाने और सही माहौल देने की आवश्यकता है.

'विद्या एक किरण उम्मीद की' कोचिंग सेंटर में पढ़ेंगे बच्चे

इसके अलावा बच्चों ने कहा कि हम सभी बड़े होकर देश की सेवा करेंगे. आप ही की तरह पुलिस बनेंगे, जिसके लिए हम खूब पढ़ाई करेंगे. पुलिस दीदी ने हमारे कोचिंग क्लास का "विद्या...एक किरण उम्मीद की" का नाम दी है. जहां हमें अपने देश की संस्कृति और महान पुरुषों के बारे में जानने का मौका मिलेगा. हमें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद भी मिलेगी. बच्चियां काफी खुश नजर आ रही हैं.

बिलासपुर: रतनपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की है. पुलिस ने बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. रतनपुर पुलिस बेलतरा के सूर्यवंशी मोहल्ले में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चों को न सिर्फ पढ़ाएगी, बल्कि उन्हें इस कदर मजबूत बनाएगी कि वे अपने आस-पास होने वाले अपराध के खिलाफ जंग लड़ेंगे. इसके साथ ही अपराध पर काबू करने में पुलिस की मदद करेंगे. बेलतरा में रहने वाले अधिकतर लोग परिवार के पालन पोषण के लिए रोजी मजदूरी करते हैं. ऐसे में बच्चों को उचित शिक्षा देना उनके लिए संभव नहीं है, लेकिन मुसीबत के बीच एक उम्मीद की नई किरण जगी है, जो बच्चों के सपनों को उड़ान भरने में मददगार साबित होगी.

'विद्या' से चमकेंगे सूर्यवंशी मोहल्ला के 'सितारे'

बेलतारा गांव में बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते थे, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती है. इसके अलावा यहां रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी बना रहता था, लेकिन इसी बीच रतनपुर थाने में पदस्थ थाना प्रभारी ललिता मेहर बेलतरा पहुंची. जहां छोटी-छोटी बच्चियां को बिना मास्क के मोहल्ले में धूमते देखी, जिसके बाद बच्चों से पढ़ाई लिखाई की जानकारी ली. बच्चियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अभी स्कूल बंद है. इसलिए मोहल्ले में घूमते खेलते रहते हैं.

बच्चियों की बातें सुनकर हुई तकलीफ

थाना प्रभारी ललिता मेहर बताती हैं, बच्चियों की बातों को सुनकर उनको बहुत तकलीफ हुई. उन्होंने पहले सभी बच्चों को मास्क पहनाया. सोशल डिस्टेंस और साफ-सफाई की जानकारी दी. उन्होंने तत्काल उस मोहल्ले में एक निःशुल्क कोचिंग क्लास चलाने का निर्णय लिया. सभी बच्चों के बैठने और पढ़ने लिखने के लिए सामाग्री की व्यवस्था की. मेहर ने यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया है.

'बच्चे काफी होनहार हैं, सही राह दिखाने की जरूरत'

उन्होंने बताया कि इस मोहल्ले में करीब 11 बच्चे 10 बजे से पढ़ने के लिए आते हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए मोहल्ले के ही एक लड़के को टीचर नियुक्त किया गया है. इनमें सभी बच्‍चे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं, जिनको अब 'विद्या...एक किरण उम्मीद की' कोचिंग सेंटर में शिक्षा मिलेगी. थाना प्रभारी कहती हैं अधिकतर बच्चे पढ़ने में तेज हैं, लेकिन सही दिशा और सलाह नहीं मिलने पर ये पिछड़ जाएंगे. इन बच्चों के स्कूल के सिलेबस के अलावा अंग्रेजी, गणित और जनरल नॉलेज पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. ये बच्चे काफी होनहार हैं, जिन्हें सिर्फ सही राह दिखाने और सही माहौल देने की आवश्यकता है.

'विद्या एक किरण उम्मीद की' कोचिंग सेंटर में पढ़ेंगे बच्चे

इसके अलावा बच्चों ने कहा कि हम सभी बड़े होकर देश की सेवा करेंगे. आप ही की तरह पुलिस बनेंगे, जिसके लिए हम खूब पढ़ाई करेंगे. पुलिस दीदी ने हमारे कोचिंग क्लास का "विद्या...एक किरण उम्मीद की" का नाम दी है. जहां हमें अपने देश की संस्कृति और महान पुरुषों के बारे में जानने का मौका मिलेगा. हमें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद भी मिलेगी. बच्चियां काफी खुश नजर आ रही हैं.

Last Updated : Jul 23, 2020, 11:08 PM IST
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