बिलासपुर: शहर को शीतल करने के लिए सालों पहले अरपा नदी के घाट पर हरे भरे पौधे लगाए गए थे. घाट के किनारे लगे पौधे अब पेड़ की शक्ल ले चुके हैं. बिलासपुर के रहने वाले लोगों ने अब जिस जगह पर पेड़ों को लगाया है उसका नाम अब राम जानकी वाटिका रख दिया है. लोगों का कहना है कि माता कौशल्या का मायका होने और रामजी का घर होने के नाते हम भी कुछ भेंट रामजी को दें. राम जानकी वाटिका नाम रखे जाने से बिलासपुर के लोगों को याद रहेगा कि 22 जनवरी के दिन मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा दिन पार्क का नामकरण सीता वाटिका के तौर पर किया गया था.
2017 में लगाए गए थे पौधे: शहर को कूल रखने के लिए साल 2017 में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर पौधे लगाए गए थे. सात सालों में लगे पौधे अब वृक्ष का रुप ले चुके हैं. अरपा अर्पण विकास समिति के संयोजक का कहना है कि अबतक इस जगह का नामकरण नहीं किया गया था. राम मंदिर के उद्घाटन के दिन जब इसका नाम राम जानकी वाटिका रखा जाएगा तो लोगों के लिए ये दिन खास बन जाएगा. संयोजक का कहना है कि 22 तारीख को पार्क का नाम राम जानकी वाटिका रखकर उस दिन दीयों से सजाया जाएगा.
राम जानकी वाटिका रखा गया नाम: अर्पण विकास समिति के संयोजक मूरत दुबे का कहना है कि बीते सात सालों में एक एक कर यहां 25 हजार पौधे लगा दिए गए. हरियाली कुछ इस कदर यहां बढ़ी कि अब गर्मी के मौसम में लोग यहां ठंढक लेने आने लगे हैं. मूरत दुबे कहते हैं छत्तीसगढ़ी लोग भगवान राम को भांजे की तरह मानते हैं. भगवान राम का ननिहाल होने के चलते लोगों का रामजी से खास लगाव भी है. 500 सौ सालों बाद ये मौका आया है इस मौके को पावन बनाने के लिए हमने ये फैसला लिया है कि पार्क का नाम अब हम राम जानकी वाटिका रखा गया है.