बिलासपुर: सीपत गांव में एनटीपीसी पावर प्लांट के तीसरे चरण का काम शुरु होने वाला है. पावर प्लांट प्रबंधन और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड की पहल पर सुनवाई का आयोजन किया गया. जनसुनवाई में प्रबंधन की ओर से किसानों को मिलने वाले फायदे गिनाए गए. किसानों ने प्रबंधन की बातों को दरकिनार कर कहा कि प्लांट से निकलने वाला राख मुसीबत का सबब हमारे लिए बनते जा रहा है. प्लांट के राख से खेत बंजर हो रहे हैं फसलों की पैदावार लगातार घट रही है. नाराज ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
जमीन बंजर होने की शिकायत: सीपत गांव में एनटीपीसी पावर प्लांट लगा है प्लांट का काम तीसरे चरण में पहुंचने वाला है. प्लांट के तीसरे चरण का काम शुरु होने से पहले प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण बोर्ड की बुलाई बैठक में ग्राणीमों ने जमकर नारेबाजी की. 20 से ज्यादा गांवों के मौजूद लोगों ने कहा कि उनके खेतों की पैदावार लगातार घट रही है. ग्रामीणों की शिकायत थी कि चिमनी से निकलने वाले राख और धुएं से लोगों को गंभीर बीमारी हो रही है. किसानों का कहना है कि पहले एक एकड़ में 22 क्विंटल धान होता था, अब पैदावार घटकर सीधे 12 क्विंटल हो गया है.
प्लांट बनने पर क्षमता बढ़कर 3789 मेगावाट हो जाएगी: बिजली कंपनी की ओर से किसानों को बताया गया कि तीसरे स्टेज में कंपनी को न तो अतिरिक्त जमीन की जरूरत है नहीं पानी की. मौजूद जमीन और पानी में ही प्लांट का काम पूरा हो जाएगा. वहीं ग्रामीणों ने कंपनी के कर्मचारियों से इलाके के विकास के लिए कल्याणकारी बजट को बढ़ाने की भी मांग की. एनटीपीसी का नया प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा तो सीपत प्लांट की क्षमता बढ़कर 3789 मेगावाट हो जाएगी.