रैली में शामिल आंदोलनकारियों का कहना है कि 'कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय के द्वारा विश्वविद्यालयों में 13 पॉइंट रोस्टर नियम लागू किया गया, जिसमें सामाजिक न्याय के तहत प्राप्त आरक्षण का कोई महत्व नहीं रह जाता.
राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
इससे अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग में खासा रोष है. इस दौरान आंदोलनकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
'मांगे नहीं मानी तो होगा आंदोलन'
आंदोलनकारियों का कहना है कि, 'यदि विश्वविद्यालयों में आरक्षण प्रणाली को पूर्ववत नहीं किया जाता तो, आज का उनका सांकेतिक प्रदर्शन आंदोलन में भी तब्दील हो सकता है.
कॉलिजियम सिस्टम का विरोध
आंदोलनकारियों ने उच्चत्तम न्यायालय में भर्ती के लिए कॉलिजियम सिस्टम को अपनाए जाने का भी विरोध करते हुए कहा कि 'इस सिस्टम के तहत सीमित दायरे में न्यायाधीश जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति हो रही है'.