बिलासपुर: बिलासपुर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने 10 मई की सुबह पचपेड़ी क्षेत्र के चिल्हाटी में छोटे लाल यादव को 20 लीटर शराब के साथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उस पर आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई. न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया. शनिवार को उसकी मौत हो (Prisoner dies in Bilaspur ) गई. मौत के बाद छोटे लाल के भाई दिलहरण यादव और परिजनों ने आबकारी अधिकारी आनंद वर्मा सहित अन्य पर मारपीट का आरोप लगाया है.
कानून के रक्षकों पर सवालिया निशान: इस मामले में मंगलवार को परिजनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. आबकारी अधिकारी सहित मामले में जो भी शामिल है, उन पर हत्या का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज करने की मांग की गई है. कैदी की मौत ने अब कानून रक्षकों के आचरण पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. आबकारी पुलिस ने जिस आरोपी को आबकारी एक्ट में पकड़ा था, उसकी मौत होने के बाद आबकारी अधिकारी पर मारपीट का आरोप मृतक के परिजन लगा रहे हैं.
कलेक्ट्रेट का किया घेराव: कैदी छोटे लाल यादव के परिजनों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के घेराव किया. इस दौरान मीडिया को परिजनों ने बताया कि "आबकारी विभाग के अधिकारी आनंद कुमार वर्मा अक्सर पकड़े गए आरोपियों पर मारपीट के साथ कई तरह की यातनाएं देते थे. इसके अलावा क्षेत्र में उगाही को लेकर भी वो बदनाम हैं. मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जल्द से जल्द आरोपी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो. साथ ही परिजनों ने अधिकारियों को नौकरी से हटाने के साथ ही मृतक के परिजनों को उचित न्याय दिलाने की अपील की है".
मृतक के शरीर पर चोट के निशान: शराब पकड़ने की आड़ में आबकारी विभाग के अधिकारी आनंद कुमार वर्मा सहित 15 अन्य कर्मचारियों पर एक ग्रामीण की हत्या का आरोप लगा है. परिजनों का कहना है कि "घर में शराब नहीं मिलने के बाद भी युवक को पीटते हुए आबकारी अमला अपने साथ ले गया. रास्तेभर उसे जानवरों की तरह डंडे से मारा गया. इतना ही नहीं उसके मलद्वार में डंडा डाला गया है. ये सब निशान पोस्टमार्टम से पहले ली गई तस्वीरों में दिखाई दे रहे हैं".
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क्या है पूरा मामला और कैसे हुई मौत: दरअसल, पचपेड़ी थाना क्षेत्र के चिल्हाटी निवासी छोटेलाल यादव को बीते 10 मई को आबकारी विभाग ने 20 लीटर कच्ची शराब बेचने का आरोप लगाते हुए जेल भेजा था. बीते 15 मई को हालत खराब होने पर उसे सिम्स रेफर किया गया. सिम्स से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल जेल से उसे मृत हालत में सिम्स लाया गया था. मृतक के कूल्हे के कटने के निशान हैं. बड़े भाई दिलहरण यादव का आरोप है कि "आबकारी विभाग के आनंदकुमार वर्मा और 15 सिपाहियों ने छोटेलाल को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई.उसने आरोप लगाते हुए बताया कि आबकारी विभाग ने कहीं से 20 लीटर कच्ची शराब लाकर उसके भाई छोटेलाल यादव को झूठे केस में फंसाया और जेल भेज दिया".
मौत के बाद सिम्स में मचाया हंगामा: बंदी की मौत के बाद पोस्टमार्टम से पहले परिजनों ने सिम्स में जमकर हंगामा मचाया था. वे आबकारी अमले पर एफआईआर की मांग कर रहे थे. मामले में सहायक आयुक्त आबकारी नीतू नोतानी ने मीडिया को बयान दिया कि "उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं हुई है. एमएलसी कराने के बाद उसे जेल भेजा गया था. उस समय उसके शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं थे".
नहीं की गई मारपीट: इधर, जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा का कहना है कि जेल में बंदी छोटेलाल के साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गई है. हालांकि छोटेलाल के पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं.
शुरू हुई दंडाधिकारी जांच:कैदी छोटे लाल यादव की मौत के बाद परिजन उसका शव लेने से इनकार कर दिए. जिसके बाद मामले में दंडाधिकारी सिम्स मेडिकल कॉलेज पहुंचकर परिजनों का बयान दर्ज किये. डेड बॉडी की पूरी फोटोग्राफी करवाई गई. मामले में दंडाधिकारी जांच भी शुरू हो गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिजनों के बयान और आबकारी अधिकारियों के बयान के बाद दंडाधिकारी जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को पेश करेंगे. इसके बाद पोस्टमार्टम का रिपोर्ट ये तय करेगा कि कैदी की मौत कैसे हुई?