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पुलिस विभाग में भविष्यनिधि के 85 लाख रुपये का घोटाला, ऐसे हुआ उजागर

बिलासपुर पुलिस विभाग में भविष्यनिधि के 85 लाख का घोटाला उजागर हुआ है. एसएसपी ने महिलाकर्मी को लाइन अटैच कर दिया है. इस पूरे स्कैम में पुलिस जांच कर रही है.

Bilaspur Police Department
बिलासपुर पुलिस विभाग
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Published : Jun 30, 2022, 10:26 AM IST

Updated : Jun 30, 2022, 10:41 AM IST

बिलासपुर: बिलासपुर एसपी ऑफिस में 85 लाख रुपए की भविष्य निधि घोटाले का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में जीपीएफ शाखा की महिला एएसआई को एसएसपी ने लाइन अटैच कर दिया है. पूरे मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी हेड क्वार्टर को सौंपा गया है. महिला कर्मी ने 85 लाख रुपए की हेराफेरी की है और दस्तावेजों में काट छांट कर इस घोटाले को अंजाम दिया है.

यह भी पढ़ें: एक्सिस बैंक फर्जीवाड़ा: हैदराबाद से ऐसे हुई दो आरोपियों की गिरफ्तारी

कैसे हुआ खुलासा: पुलिस ऑफिस में आधा दर्जन पुलिस कर्मियों की भविष्य निधि के दस्तावेजो में कांट छांट कर लगभग 85 लाख रुपए का गबन किया गया है. मामले के सामने आते ही खलबली मच गई है. इस पूरे मामले में एसपी ऑफिस के पीएफ शाखा में पदस्थ महिला एएसआई मधुशाला सुरजाल को जिम्मेदार माना जा रहा है. अब तक कि जांच में पाया गया है कि इसमें कई गड़बड़ियां की गई है. राशि की एंट्री करने में गड़बड़ी कर लाखों रुपए का गबन किया है. पीएफ और जीपीएफ की राशि भुगतान करने में गड़बड़ी, रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है. मामले का तब खुलासा हुआ जब एंट्री बुक में कांट छांट और व्हाइटनर लगा हुआ मिला. साथ ही दस्तावेजों के मिलान पर अलग-अलग चीजे सामने आई है.

दस्तावेज जमा करने में गोलमोल जवाब दे रही कर्मी: पीएफ और जीपीएस में हुए घोटाले को लेकर शुरुआताी जांच कराने पर और आरोपी महिला से पूछताछ करने पर आरोपी महिला मधुशाला सुरजा गोलमोल जवाब दे रही है. इस मामले में एसएसपी पारुल माथुर ने भी मधुशाला सुलझाओ से पूछताछ की तो वह उन्हें भी सही सही बात नहीं बता रही है. इसके बाद प्रारंभिक जांच कराने पर भारी गड़बड़ी पाई गई. एसएसपी ने उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपना पक्ष रखने का भी समय दिया. बावजूद इसके एएसआई अपना पक्ष नहीं रख पाई और ना ही दस्तावेज पेश किए. एसएसपी ने पूरे मामले की जांच गंभीरता से करने के आदेश दिए हैं.

मांग कम और दिया बहुत ज्यादा: इस पूरे मामले में एक बात यह भी निकल कर सामने आई है कि पीएफ राशि निकालने आए पुलिसकर्मियों से सांठगांठ करके उनके खाते में बड़े पैमाने पर पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि एक पुलिसकर्मी ने ढाई लाख रुपए के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे खाते में 25 लाख दे दिए गए. ऐसे तकरीबन 5 प्रकरण जांच में सामने आए हैं. इनमें पहले 49 लाख के गबन की बात सामने आई थी जो अब बढ़कर 85 लाख के आसपास पहुंच गई है.

बिलासपुर: बिलासपुर एसपी ऑफिस में 85 लाख रुपए की भविष्य निधि घोटाले का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में जीपीएफ शाखा की महिला एएसआई को एसएसपी ने लाइन अटैच कर दिया है. पूरे मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी हेड क्वार्टर को सौंपा गया है. महिला कर्मी ने 85 लाख रुपए की हेराफेरी की है और दस्तावेजों में काट छांट कर इस घोटाले को अंजाम दिया है.

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कैसे हुआ खुलासा: पुलिस ऑफिस में आधा दर्जन पुलिस कर्मियों की भविष्य निधि के दस्तावेजो में कांट छांट कर लगभग 85 लाख रुपए का गबन किया गया है. मामले के सामने आते ही खलबली मच गई है. इस पूरे मामले में एसपी ऑफिस के पीएफ शाखा में पदस्थ महिला एएसआई मधुशाला सुरजाल को जिम्मेदार माना जा रहा है. अब तक कि जांच में पाया गया है कि इसमें कई गड़बड़ियां की गई है. राशि की एंट्री करने में गड़बड़ी कर लाखों रुपए का गबन किया है. पीएफ और जीपीएफ की राशि भुगतान करने में गड़बड़ी, रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है. मामले का तब खुलासा हुआ जब एंट्री बुक में कांट छांट और व्हाइटनर लगा हुआ मिला. साथ ही दस्तावेजों के मिलान पर अलग-अलग चीजे सामने आई है.

दस्तावेज जमा करने में गोलमोल जवाब दे रही कर्मी: पीएफ और जीपीएस में हुए घोटाले को लेकर शुरुआताी जांच कराने पर और आरोपी महिला से पूछताछ करने पर आरोपी महिला मधुशाला सुरजा गोलमोल जवाब दे रही है. इस मामले में एसएसपी पारुल माथुर ने भी मधुशाला सुलझाओ से पूछताछ की तो वह उन्हें भी सही सही बात नहीं बता रही है. इसके बाद प्रारंभिक जांच कराने पर भारी गड़बड़ी पाई गई. एसएसपी ने उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपना पक्ष रखने का भी समय दिया. बावजूद इसके एएसआई अपना पक्ष नहीं रख पाई और ना ही दस्तावेज पेश किए. एसएसपी ने पूरे मामले की जांच गंभीरता से करने के आदेश दिए हैं.

मांग कम और दिया बहुत ज्यादा: इस पूरे मामले में एक बात यह भी निकल कर सामने आई है कि पीएफ राशि निकालने आए पुलिसकर्मियों से सांठगांठ करके उनके खाते में बड़े पैमाने पर पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि एक पुलिसकर्मी ने ढाई लाख रुपए के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे खाते में 25 लाख दे दिए गए. ऐसे तकरीबन 5 प्रकरण जांच में सामने आए हैं. इनमें पहले 49 लाख के गबन की बात सामने आई थी जो अब बढ़कर 85 लाख के आसपास पहुंच गई है.

Last Updated : Jun 30, 2022, 10:41 AM IST
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