बिलासपुर: शहर की जीवनदायिनी अरपा नदी के अस्तित्व के लिए एक बार फिर से बुद्धिजीवियों की चिंता बढ़ गई है. गर्मी में अरपा बिल्कुल ही मैदानी रूप में आ जाती है. अरपा के सूखने के कारण पूरे शहर को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ता है.
अरपा बचाओ अभियान के संयोजक सोमनाथ यादव ने ETV भारत से चर्चा करते हुए कहा कि अरपा को बचने के लिए अरपा की उद्गमस्थली अमरपुर को बचाने की जरूरत है. अरपा नदी अमरपुर गांव के ही दलदली क्षेत्र से निकलती है और बिलासपुर के मैदानी क्षेत्र में विशाल रूप ले लेती है.
![People are coming to save the Arpa river in Bilaspur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bls-02-firjorpakdaarpabachaoabhiyan-avb-7203484_17022020135059_1702f_00919_821.jpg)
सहायक जल स्त्रोतों को बचाने की जरूरत
बुद्धिजीवियों का मानना है कि उद्गमस्थली पर जलस्त्रोत का कमजोर होना अरपा के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है. अरपा को बचाने के लिए उससे मिलने वाले छोटे-छोटे सहायक जल स्त्रोतों को भी संरक्षित करने की जरूरत है.