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बिलासपुर में पीडीएस राशन दुकान संचालकों का धरना, लोगों को हो रही परेशानी - shop operator on protest

bilaspur news update बिलासपुर में शासकीय राशन दुकान संचालक और विक्रेता तीन दिवसीय धरने पर बैठ गए हैं. उनका आरोप है कि राशन वितरण की विसंगतियों को दूर करने की मांग वे लंबे समय से कर रहे हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. प्रशासन की अनदेखी को देखते हुए जिले के शासकीय राशन दुकान संचालक धरने पर बैठ गए हैं. ration shop operator on protest

PDS ration shop operators protest in Bilaspur
बिलासपुर में पीडीएस राशन दुकान संचालकों का धरना
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Published : Dec 6, 2022, 11:07 PM IST

बिलासपुर: bilaspur news update बिलासपुर में शासकीय राशन दुकानों में राशन वितरण की व्यवस्था ठप हो गई है. राशन दुकान संचालक और विक्रेता तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर संचालक, विक्रेताओं ने धरना आंदोलन का आगाज किया है. इधर राशन दुकान संचालकों के हड़ताल पर जाने से राशन वितरण की व्यवस्था चरमरा गई है. राशन दुकानों में ताला लग गया है. हितग्राही राशन के लिए परेशान हो रहे हैं. ration shop operator on protest

बिलासपुर में पीडीएस राशन दुकान संचालकों का धरना

विसंगतियों को दूर करने की मांग: शासकीय राशन दुकान संचालक और विक्रेता लंबे समय से राशन वितरण के विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं. खाद्यान कटौती, सर्वर की समस्या, मानदेय व्यवस्था, कमीशन राशि सहित, खाद्यान शॉर्टेज और बरदाने की कीमत तत्काल देने की मांग प्रमुख है. राशन दुकान संचालकों के इन मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिसे देखते हुए जिले के शासकीय राशन दुकान संचालक अब लामबंद हो गए हैं. उन्होने तीन दिवसीय धरना आंदोलन का आगाज कर दिया है.

संचालकों का सांकेतिक आंदोलन: राशन दुकान संचालकों की मानें तो बिना कोई पूर्व सूचना भौतिक सत्यापन के खाद्यान्न में कटौती कर दी गई है. सर्वर ठीक नहीं होने के कारण राशन वितरण में लगातार दिक्कत आ रही है. कर्मचारियों की तरह काम लेने के बाद भी मानदेय नहीं मिल रहा है. कमीशन की राशि भी नहीं मिल रही है. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई बार प्रशासन के माध्यम से शासन को मांग पत्र सौंपा है. बावजूद उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. लिहाजा इसी को लेकर उन्होंने सांकेतिक आंदोलन की शुरुआत की है.



राशन वितरण हुआ ठप: इधर राशन दुकान संचालक और विक्रेताओं के आंदोलन पर जाने से जिले के राशन दुकानों में राशन वितरण की व्यवस्था ठप हो गई है. राशन दुकानों के बाहर ताला लग गया है. हितग्राही राशन के लिए परेशान हो रहे हैं. जिले में 678 राशन दुकान संचालित है. ऐसे में राशन दुकान संचालकों के हड़ताल पर जाने से लाखों हितग्राही इससेे सीधे प्रभावित होंगे. बीपीएल और एपीएल के कार्डधारी राशन नहीं मिलने से इस माह उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ सकती है.

खाद्य मंत्री तक अपनी मांग पहुंचा चुके हैं लोग लेकिन नहीं निकला कोई हल: पिछले कई सालों से राशन दुकान संचालक अपनी मांग को लेकर अधिकारियों सहित खाद्य मंत्री तक अपनी जानकारी और मांग पहुंचा चुके हैं. बावजूद इसके अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई सरकार के द्वारा नहीं किए जाने पर राशन दुकानों ने 3 दिन तक संकेतिक हड़ताल करने की बात कही है. यदि आगे भी उनकी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें:बिलासपुर में फिर से शुरु हुई सिटी बस सेवा

बारदाने का भुगतान 4 साल से अटका: शासकीय राशन दुकान संचालकों ने बताया कि पिछले 4 सालों से उनसे बारदाना खरीद लिया जा रहा है, लेकिन इसका भुगतान उन्हें नहीं किया गया है. जिले में 678 राशन दुकान संचालक है, और लगभग साडे 4 करोड रुपए से भी ज्यादा का बारदाना का भुगतान शासन द्वारा नहीं किया गया है. हर बार उन्हें धान खरीदी के पहले आश्वासन दिया जाता है कि बारदाने का पूरा भुगतान उन्हें कर दिया जाएगा और उनसे बारदाना खरीद लिया जाता है, लेकिन हर बार उन्हें शासन का मुंह ताकना पड़ता है. उन्हें बरदाना का भुगतान नहीं किया जाता है, ऐसे में राशन दुकान संचालक अब हड़ताल कर अपनी सारी मांग मनवाने पर बड़े हुए हैं.

बिलासपुर: bilaspur news update बिलासपुर में शासकीय राशन दुकानों में राशन वितरण की व्यवस्था ठप हो गई है. राशन दुकान संचालक और विक्रेता तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर संचालक, विक्रेताओं ने धरना आंदोलन का आगाज किया है. इधर राशन दुकान संचालकों के हड़ताल पर जाने से राशन वितरण की व्यवस्था चरमरा गई है. राशन दुकानों में ताला लग गया है. हितग्राही राशन के लिए परेशान हो रहे हैं. ration shop operator on protest

बिलासपुर में पीडीएस राशन दुकान संचालकों का धरना

विसंगतियों को दूर करने की मांग: शासकीय राशन दुकान संचालक और विक्रेता लंबे समय से राशन वितरण के विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं. खाद्यान कटौती, सर्वर की समस्या, मानदेय व्यवस्था, कमीशन राशि सहित, खाद्यान शॉर्टेज और बरदाने की कीमत तत्काल देने की मांग प्रमुख है. राशन दुकान संचालकों के इन मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिसे देखते हुए जिले के शासकीय राशन दुकान संचालक अब लामबंद हो गए हैं. उन्होने तीन दिवसीय धरना आंदोलन का आगाज कर दिया है.

संचालकों का सांकेतिक आंदोलन: राशन दुकान संचालकों की मानें तो बिना कोई पूर्व सूचना भौतिक सत्यापन के खाद्यान्न में कटौती कर दी गई है. सर्वर ठीक नहीं होने के कारण राशन वितरण में लगातार दिक्कत आ रही है. कर्मचारियों की तरह काम लेने के बाद भी मानदेय नहीं मिल रहा है. कमीशन की राशि भी नहीं मिल रही है. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई बार प्रशासन के माध्यम से शासन को मांग पत्र सौंपा है. बावजूद उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. लिहाजा इसी को लेकर उन्होंने सांकेतिक आंदोलन की शुरुआत की है.



राशन वितरण हुआ ठप: इधर राशन दुकान संचालक और विक्रेताओं के आंदोलन पर जाने से जिले के राशन दुकानों में राशन वितरण की व्यवस्था ठप हो गई है. राशन दुकानों के बाहर ताला लग गया है. हितग्राही राशन के लिए परेशान हो रहे हैं. जिले में 678 राशन दुकान संचालित है. ऐसे में राशन दुकान संचालकों के हड़ताल पर जाने से लाखों हितग्राही इससेे सीधे प्रभावित होंगे. बीपीएल और एपीएल के कार्डधारी राशन नहीं मिलने से इस माह उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ सकती है.

खाद्य मंत्री तक अपनी मांग पहुंचा चुके हैं लोग लेकिन नहीं निकला कोई हल: पिछले कई सालों से राशन दुकान संचालक अपनी मांग को लेकर अधिकारियों सहित खाद्य मंत्री तक अपनी जानकारी और मांग पहुंचा चुके हैं. बावजूद इसके अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई सरकार के द्वारा नहीं किए जाने पर राशन दुकानों ने 3 दिन तक संकेतिक हड़ताल करने की बात कही है. यदि आगे भी उनकी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.

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बारदाने का भुगतान 4 साल से अटका: शासकीय राशन दुकान संचालकों ने बताया कि पिछले 4 सालों से उनसे बारदाना खरीद लिया जा रहा है, लेकिन इसका भुगतान उन्हें नहीं किया गया है. जिले में 678 राशन दुकान संचालक है, और लगभग साडे 4 करोड रुपए से भी ज्यादा का बारदाना का भुगतान शासन द्वारा नहीं किया गया है. हर बार उन्हें धान खरीदी के पहले आश्वासन दिया जाता है कि बारदाने का पूरा भुगतान उन्हें कर दिया जाएगा और उनसे बारदाना खरीद लिया जाता है, लेकिन हर बार उन्हें शासन का मुंह ताकना पड़ता है. उन्हें बरदाना का भुगतान नहीं किया जाता है, ऐसे में राशन दुकान संचालक अब हड़ताल कर अपनी सारी मांग मनवाने पर बड़े हुए हैं.

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