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परसा कोल ब्लॉक मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई, अधिग्रहित जमीन निजी कंपनी को नहीं दिए जाने की मांग - कोल ब्लॉक जजमेंट

परसा कोल ब्लॉक केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर बहस पूरी नहीं हो सकी.

Parsa coal block case
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट न्यूज
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Published : May 4, 2022, 11:55 PM IST

बिलासपुर: परसा कोल ब्लॉक के लिए कोयला खनन की अनुमति पर रोक लगाने के मामले में हाई कोर्ट में बुधवार को बहस हुई है. अब इस केस में गुरुवार को बहस होगी. परसा कोल ब्लॉक के लिए भूमि अधिग्रहण कर कोयला खनन की अनुमति पर स्टे को लेकर कोर्ट में बहस हुई. मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अडानी एक निजी कंपनी है और कोयला खनन के लिए राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती.

परसा कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बघेल सरकार से मांगी रिपोर्ट

इस केस में 28 अप्रैल को सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब किया था. बुधवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों ने तर्क दिया कि अधिग्रहित की गई जमीन किसी निजी कंपनी को खनन के लिए नहीं दी जा सकती. इस मामले में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर अडानी की स्वामित्व वाली कंपनी राजस्थान कोलरी को भूमि सौंपी जा रही है. यह स्वयं कोल बेयरिंग एक्ट के प्रावधानों एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये कोल ब्लॉक जजमेंट के विरुद्ध है.इसलिए परसा कोल ब्लॉक से संबंधित कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. याचिका में सुनवाई पूरी नहीं हुई है. इससे पहले परसा कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बघेल सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.

बिलासपुर: परसा कोल ब्लॉक के लिए कोयला खनन की अनुमति पर रोक लगाने के मामले में हाई कोर्ट में बुधवार को बहस हुई है. अब इस केस में गुरुवार को बहस होगी. परसा कोल ब्लॉक के लिए भूमि अधिग्रहण कर कोयला खनन की अनुमति पर स्टे को लेकर कोर्ट में बहस हुई. मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अडानी एक निजी कंपनी है और कोयला खनन के लिए राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती.

परसा कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बघेल सरकार से मांगी रिपोर्ट

इस केस में 28 अप्रैल को सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब किया था. बुधवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों ने तर्क दिया कि अधिग्रहित की गई जमीन किसी निजी कंपनी को खनन के लिए नहीं दी जा सकती. इस मामले में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर अडानी की स्वामित्व वाली कंपनी राजस्थान कोलरी को भूमि सौंपी जा रही है. यह स्वयं कोल बेयरिंग एक्ट के प्रावधानों एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये कोल ब्लॉक जजमेंट के विरुद्ध है.इसलिए परसा कोल ब्लॉक से संबंधित कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. याचिका में सुनवाई पूरी नहीं हुई है. इससे पहले परसा कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बघेल सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.

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