बिलासपुर: जिले की जनसंख्या के हिसाब से अब तक 60 फीसदी ही वैक्सिनेशन (Vaccination) हो पाया है. पहला डोज 58 फीसदी और दोनों डोज मिलाकर करीब 35 फीसदी ही वैक्सीनेशन हो सकी है. वैक्सीन की आपूर्ति और टीकाकरण होने की तुलना करें तो वैक्सीन की कमी है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी इसे लोगों की रूचि नहीं लेने की बात कह रहे हैं.
बिलासपुर में वैक्सीनेशन (Vaccination in Bilaspur) को लेकर राजनीति भले ही चरम पर है. वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए ना राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही है और ना ही केंद्र सरकार. हालात यह है कि बहुत कम संख्या में वैक्सीन उपलब्ध हो पाती है. वह भी जल्द ही खत्म हो जाती है. जिन गांव में वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है. वहां भी अब युवा इंतजार कर रहे हैं. हालांकि कुछ गांव ऐसे भी है जहां वैक्सीन होने के बावजूद लगवाने वाले लोग नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी गांव हैं जहां लगवाने वालों की संख्या बढ़ी है लेकिन वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले की जनसंख्या लगभग 16 लाख है लेकिन अब तक केवल 10 लाख लोगों को ही वैक्सीनेशन हो सका है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कमी नहीं है लेकिन लोग वैक्सीनेशन में रुचि नहीं ले रही है. उन्होंने बताया कि वे लगातार शहर और गांव में जन जागरूकता के माध्यम से लोगों को बता रहे हैं कि वैक्सीन लगवाए. शहरी क्षेत्र को छोड़ दे तो ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता रुचि नहीं ले रही है.
बिलासपुर जिले में अब तक स्वास्थ्य विभाग को 13 जनवरी 2021 से वैक्सीन में कोविशिल्ड 9,01,290 और को-वैक्सीन 86, 810 डोज मिल चुके हैं. लगभग इतने ही वैक्सीनेशन हो चुके हैं. लोगों की रुचि नहीं है तो यह बात बिल्कुल हजम नहीं होती है. क्योंकि 8 महीने में जिस तरह वैक्सीन की आपूर्ति हुई है. उसके मुकाबले लोगों की वैक्सीनेशन को लेकर रुचि बढ़ी है.