ETV Bharat / state

बिलासपुर: सिम्स अस्पताल के डीन पर गिरी गाज, सीएम ने दिए तत्काल हटाने के निर्देश

author img

By

Published : Sep 22, 2020, 2:39 AM IST

Updated : Sep 22, 2020, 10:05 AM IST

सीएम भूपेश बघेल ने सिम्स के डीन और बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है.

Order for dislodge of cims Dean
सिम्स अस्पताल

बिलासपुर: शहर के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कड़ा फैसला लिया है. सीएम भूपेश बघेल ने सिम्स के डीन और बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी आरपी मंडल से कहा है कि दोनों को तत्काल हटाकर बिलासपुर कमिश्नर डॉक्टर संजय अलंग को चार्ज सौंपा जाए.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना वायरस जैसी आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है. मुख्यमंत्री ने यह फैसला सिम्स की जांच रिपोर्ट आने के बाद लिया है. जानकारी दें कि सिम्स की लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार ने हेल्थ विभाग की ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ. प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में 5 सदस्य जांच कमेटी बनाई थी. कमेटी ने 3 पन्ने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

जिसमें कोरोना के समय सिम्स के OPD से लेकर ICU और लैब की अव्यवस्थाओं की जानकारी दी गई है. कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि सिम्स, कोविड-19 हाॅस्पिटल और जिला अस्पताल के बीच संवादहीनता है. इन सबके बीच समन्वय स्थापित करने और टेस्टिंग और कर्मचारियों की शिफ्टिंग और एलोकेशन के लिए किसी सीनियर अधिकारी को प्रभारी बनाया जाना उचित होगा. कमेटी ने कहा था कि ओपीडी में भारी अव्यवस्था है, जिसकी वजह से मरीजों की भारी भीड़ हो रही है. कमेटी ने सिम्स में स्टाफ की कमी का भी जिक्र किया है.

पढ़ें-सिम्स प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, मॉच्यूरी में शव की अदला-बदली का आरोप

कमेटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लैब में इस समय 32 लैब टेक्नीशियन हैं, पांच और ज्वाइन करने वाले हैं. उसके बाद भी केवल एक ही शिफ्ट चलाई जा रही है. तीन डाटा एंट्री ऑपरेटर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा CIMS को दिए गए थे. लेकिन उनमें से केवल एक ही लैब में रिपोर्ट कर रहा है. जिसकी जानकारी सिम्स द्वारा विभाग को नहीं दी गई थी. विभाग को चार डाटा एंट्री ऑपरेटर इसके लिए सिम्स को उपलब्ध कराए जाने निर्देशित किया गया था.

पढ़ें-SPECIAL : सिम्स में अव्यवस्थाओं से जूझ रही गर्भवती महिलाएं और प्रसूताएं, बेड भी नहीं हो रहे उपलब्ध

सीएम ने कहा कि लैब तक सैम्पल पहुंचाने में भी देरी देखी गई है. इसके बाद भी मात्र टेस्टिंग की एक शिफ्ट चलाई जा रही है. अस्पताल में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. ऐसे में सिम्स प्रबंधन के लिए आवश्यक है, कि एक सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में नियंत्रण दल गठित किया जाना चाहिए.

बिलासपुर: शहर के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कड़ा फैसला लिया है. सीएम भूपेश बघेल ने सिम्स के डीन और बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी आरपी मंडल से कहा है कि दोनों को तत्काल हटाकर बिलासपुर कमिश्नर डॉक्टर संजय अलंग को चार्ज सौंपा जाए.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना वायरस जैसी आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है. मुख्यमंत्री ने यह फैसला सिम्स की जांच रिपोर्ट आने के बाद लिया है. जानकारी दें कि सिम्स की लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार ने हेल्थ विभाग की ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ. प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में 5 सदस्य जांच कमेटी बनाई थी. कमेटी ने 3 पन्ने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

जिसमें कोरोना के समय सिम्स के OPD से लेकर ICU और लैब की अव्यवस्थाओं की जानकारी दी गई है. कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि सिम्स, कोविड-19 हाॅस्पिटल और जिला अस्पताल के बीच संवादहीनता है. इन सबके बीच समन्वय स्थापित करने और टेस्टिंग और कर्मचारियों की शिफ्टिंग और एलोकेशन के लिए किसी सीनियर अधिकारी को प्रभारी बनाया जाना उचित होगा. कमेटी ने कहा था कि ओपीडी में भारी अव्यवस्था है, जिसकी वजह से मरीजों की भारी भीड़ हो रही है. कमेटी ने सिम्स में स्टाफ की कमी का भी जिक्र किया है.

पढ़ें-सिम्स प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, मॉच्यूरी में शव की अदला-बदली का आरोप

कमेटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लैब में इस समय 32 लैब टेक्नीशियन हैं, पांच और ज्वाइन करने वाले हैं. उसके बाद भी केवल एक ही शिफ्ट चलाई जा रही है. तीन डाटा एंट्री ऑपरेटर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा CIMS को दिए गए थे. लेकिन उनमें से केवल एक ही लैब में रिपोर्ट कर रहा है. जिसकी जानकारी सिम्स द्वारा विभाग को नहीं दी गई थी. विभाग को चार डाटा एंट्री ऑपरेटर इसके लिए सिम्स को उपलब्ध कराए जाने निर्देशित किया गया था.

पढ़ें-SPECIAL : सिम्स में अव्यवस्थाओं से जूझ रही गर्भवती महिलाएं और प्रसूताएं, बेड भी नहीं हो रहे उपलब्ध

सीएम ने कहा कि लैब तक सैम्पल पहुंचाने में भी देरी देखी गई है. इसके बाद भी मात्र टेस्टिंग की एक शिफ्ट चलाई जा रही है. अस्पताल में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. ऐसे में सिम्स प्रबंधन के लिए आवश्यक है, कि एक सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में नियंत्रण दल गठित किया जाना चाहिए.

Last Updated : Sep 22, 2020, 10:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.