पेंड्रा/बिलासपुर: गांव के एक बुजुर्ग का आधार कार्ड और परिचय पत्र लेकर गांव की ही महिला ने फर्जी तरीके से लोन निकाल लिया, जिसके बाद बैंक प्रबंधक बुजुर्ग को लोन के पैसे जमा करने के लिए कहता था, जिससे परेशान होकर बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली.
इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने बुजुर्ग के लिए न्याय की मांग को लेकर उसके शव को मुख्यमार्ग पर रखकर चक्काजाम कर दिया. घंटेभर बाद प्रशासन ने मामले में जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर चक्काजाम खत्म कराया और ग्रामीणों को शांत कराया.
केंद्र की योजना का हवाला देकर लिए दस्तावेज
मामला पेंड्रा थानाक्षेत्र के आमाडाड गांव का है, जहां खेती किसानी का काम करने वाले आनंदराम से गांव की ही रहने वाली तुलसी बाई ने फर्जीवाड़ा किया. तुलसीबाई स्कूल में रसोइयों के साथ मितानिन का काम करती थी. तुलसी ने आनंदराम से केंद्र की जय बिहान योजना के तहत 10 रुपए सप्ताहिक जमा करने पर रुपयों का फायदा होने की बात कहते हुए उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड और फोटो ले लिया. इसके साथ ही अनपढ़ आनंदराम से तुलसीबाई ने अंगूठा भी लगवा लिया.
30 हजार रुपए का लोन लिया
तुलसीबाई ने प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से आनंदराम के नाम पर 30 हजार रुपए का लोन ले लिया, जिसकी जानकारी आनंदराम को नहीं हो पाई. कुछ दिनों बाद फाइनेंस कंपनी के लोग रुपए की वसूली के लिए आनंदराम के घर पहुंचे. वसूली के नाम पर फाइनेंस कंपनी के लोग आनंदाराम को धमकाने लगे, जिसके बाद आनंदराम ने तुलसीबाई के घर जाकर उसे ये बात बताई. जिस पर तुलसी ने आनंदराम को आश्वासन दिया कि वह बैंक में पैसे जमा कर देगी, लेकिन तुलसीबाई गांव से फरार हो गई.
आनंदराम ने फाइनेंस कंपनी और अपने साथ हुए इस धोखाधड़ी की शिकायत पंचायत प्रतिनिधियों से की, जिस पर प्रतिनिधियों ने आश्वासन भी दिया, लेकिन वसूली अधिकारी लगातार पैसों के लिए आनंदराम पर दबाव बना रहे थे. जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली.