बिलासपुर: भू-अर्जन प्रकरण का तय अवधि के भीतर निराकरण ना करने पर हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस पक्षकारों को जारी किया है. उच्च न्यायालय ने याचिका का संज्ञान लेते हुए जांजगीर-चांपा कलेक्टर यशवंत कुमार, लोक निर्माण विभाग सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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क्या है पूरा मामला
मामला जांजगीर से जुड़ा है. जांजगीर जिला निवासी कुशल प्रसाद, मेहित्रीन बाई सहित अन्य की भूमि शासन ने सड़क निर्माण के लिए अर्जित कर ली थी. लेकिन अर्जन के बाद किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया. शासन द्वारा उचित मुआवाजा दिए जाने की मांग करते हुए भू-स्वामियों द्वारा कई वर्षों तक शासकीय अधिकारियों से निवेदन किया गया. इसके बावजूद कोई भी पहल प्रशासन की ओर से नहीं की गई है.
उदासीनता के खिलाफ दोबारा हाईकोर्ट पहुंचे थे प्रभावित पक्ष
शासन-प्रशासन की इस उदासीनता के खिलाफ पूर्व में याचिकाकर्ताओं की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 6 महीने के भीतर मामले में उचित कार्रवाई का आदेश दिया था. लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. न ही मुआवजा वितरण किया गया. इसके विरुद्ध याचिकाकर्ताओं ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अवमानना याचिका प्रस्तुत की थी.