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मरवाही एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही, बच्चों को पिलाया जहरीला पानी

मरवाही के एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय में अधीक्षक की पोस्ट पाने की होड़ में बच्चों की जान से खिलवाड़ किया गया.यहां बच्चों को केमिकलयुक्त पानी पिलाया गया. जिससे उनकी जान जा सकती थी.पूरे मामले को प्रबंधन ने दबाने की भी कोशिश की.लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं.Marwahi latest news

मरवाही एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही
मरवाही एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही
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Published : Sep 13, 2022, 12:09 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 7:37 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : मरवाही विकासखंड के एकलव्य संयुक्त आदर्श आदिवासी आवासीय विद्यालय डोगरिया में छात्रों को केमिकल युक्त पानी पिलाने का मामला सामने आया (Negligence of Marwahi Eklavya tribal school) है. जिसके बाद छात्रावास में हड़कंप मच गया. इस मामले में दो बच्चों की तबीयत गंभीर रुप से बिगड़ी जिन्हें समय रहते अस्पताल में दाखिल करवाया गया. हैरानी की बात ये है कि एकलव्य आदिवासी विद्यालय प्रबंधन ने इस मामले को तीन दिनों तक दबाए रखा था. लेकिन मीडिया को भनक लगते ही पूरे मामले का खुलासा हो गया.

मरवाही एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही, बच्चों को पिलाया जहरीला पानी

कब की है घटना : पूरा मामला 3 दिन पुराना है. जब एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्थापित किए गणेश प्रतिमा के विसर्जन के बाद लौटे कुछ छात्रों ने भोजन के बाद कमरों में पहले से बोतलों में भरकर रखे पानी को पी लिया. पानी से हल्की दुर्गंध और अलग स्वाद आ रहा था. फिर भी बच्चों ने पानी पिया. जिसके कुछ ही देर बाद छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी. गनीमत रही कि तबीयत बिगड़ने के पहले सिर्फ दो ही छात्रों ने पानी पिया (Poisoned water given to children in marwahi) था. कुछ ही देर के बाद कक्षा दसवीं और 11वीं में पढ़ने वाले दोनों छात्रों को लगातार उल्टियां होने लगी. सिर दर्द करने लगा. गला सूखने लगा. छाती में तेज दर्द के साथ सांस लेने में परेशानी हुई. जिसके बाद छात्रों को आनन-फानन में नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया. प्राथमिक उपचार करने के बाद डॉक्टर ने दोनों छात्रों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया.लेकिन हॉस्टल प्रबंधन ने बच्चों को जिला अस्पताल भेजने के बजाए उनके परिजनों को सौंप दिया. साथ ही छात्रावास के पानी की जांच की.छात्रावास से कई बोतलें जिनमें केमिकल युक्त पानी था जब्त की गई. इतना ही नहीं छात्रों को भी समझाया गया कि मामले की जानकारी परिजनों को ना दें.


मामला दबाने की कोशिश : मामले की गंभीरता को जानने के बावजूद विद्यालय एवं छात्रावास प्रबंधन ने मामले में मौन साधे रखा. जब विद्यालय प्रबंधन से बात की गई तो जो खुलासा हुआ वह कम चौकाने वाला नहीं था. बातों ही बातों में अधीक्षक से यह बात सामने आ गई कि पुराने छात्रावास अधीक्षक को पूर्व सहायक आयुक्त ने हटाकर विजय ध्रुव को अधीक्षक बनाया था. जिसकी वजह से छात्रों को निशाने पर लेते हुए यह षड्यंत्र रचा गया होगा. अधीक्षक ने यह स्वीकार किया कि कई बोतलों में दुर्गंध और केमिकल युक्त पानी पाया गया. वहीं मौके पर यूरिया के कुछ दाने भी मिले. जिससे संदेह हो रहा है कि बच्चों के पानी में यूरिया मिलाया गया था.

बच्चों की जान से खिलवाड़ : इस पूरे मामले में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य ने भी यह स्वीकार किया कि छात्रावास से जो पानी लाया गया और जिसे बच्चों ने पिया था .उसमें कुछ केमिकल की दुर्गंध आ रही थी. मामले में कार्यवाई के लिए सहायक आयुक्त को लिखित एवं मौखिक सूचना दी गई. पर अब तक उनकी ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं जब पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई तो उन्होंने तुरंत ही मरवाही विकासखंड के एसडीएम को पूरे मामले पर जांच करते हुए मामले पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए.

छात्रावास में पोस्टिंग के लिए रुपए का खेल : इसी बीच बातचीत में नव पदस्थ अधीक्षक ने स्वीकार किया कि आदिवासी विकास विभाग में छात्रावासों में पदस्थापना के लिए रुपए की मांग होती है. पहले भी 1 - 1 लाख मांगा गया. उसने खुद की पदस्थापना के लिए 1 लाख रुपए सहायक आयुक्त कार्यालय के एक बाबू को सहायक आयुक्त के नाम पर दिया था. जिसके 9- 10 दिन बाद उनको यहां का प्रभार मिला है..आवासीय विद्यालयों में छात्रावासों के संचालन के लिए गला काट प्रतिस्पर्धा में छात्रावास अधीक्षक जिस तरीके एक दूसरे को पद से हटाने और पद पाने छात्रों के जान माल से खिलवाड़ कर षड़यंत्र रच रहे हैं. निश्चित ही यह चिंता का विषय है.आवासीय विद्यालयों के बच्चों अभिवाहक छात्रावास के अधीक्षकों के भरोसे छोड़ देते हैं. उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. मामले में प्रशासन को जिम्मेदारी तय करते हुए कानूनी कार्यवाई करने की आवश्यकता है. ताकि दोषी सामने आये और छात्रावास की विश्वसनीयता कायम रहे.Marwahi latest news



गौरेला पेंड्रा मरवाही : मरवाही विकासखंड के एकलव्य संयुक्त आदर्श आदिवासी आवासीय विद्यालय डोगरिया में छात्रों को केमिकल युक्त पानी पिलाने का मामला सामने आया (Negligence of Marwahi Eklavya tribal school) है. जिसके बाद छात्रावास में हड़कंप मच गया. इस मामले में दो बच्चों की तबीयत गंभीर रुप से बिगड़ी जिन्हें समय रहते अस्पताल में दाखिल करवाया गया. हैरानी की बात ये है कि एकलव्य आदिवासी विद्यालय प्रबंधन ने इस मामले को तीन दिनों तक दबाए रखा था. लेकिन मीडिया को भनक लगते ही पूरे मामले का खुलासा हो गया.

मरवाही एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही, बच्चों को पिलाया जहरीला पानी

कब की है घटना : पूरा मामला 3 दिन पुराना है. जब एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्थापित किए गणेश प्रतिमा के विसर्जन के बाद लौटे कुछ छात्रों ने भोजन के बाद कमरों में पहले से बोतलों में भरकर रखे पानी को पी लिया. पानी से हल्की दुर्गंध और अलग स्वाद आ रहा था. फिर भी बच्चों ने पानी पिया. जिसके कुछ ही देर बाद छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी. गनीमत रही कि तबीयत बिगड़ने के पहले सिर्फ दो ही छात्रों ने पानी पिया (Poisoned water given to children in marwahi) था. कुछ ही देर के बाद कक्षा दसवीं और 11वीं में पढ़ने वाले दोनों छात्रों को लगातार उल्टियां होने लगी. सिर दर्द करने लगा. गला सूखने लगा. छाती में तेज दर्द के साथ सांस लेने में परेशानी हुई. जिसके बाद छात्रों को आनन-फानन में नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया. प्राथमिक उपचार करने के बाद डॉक्टर ने दोनों छात्रों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया.लेकिन हॉस्टल प्रबंधन ने बच्चों को जिला अस्पताल भेजने के बजाए उनके परिजनों को सौंप दिया. साथ ही छात्रावास के पानी की जांच की.छात्रावास से कई बोतलें जिनमें केमिकल युक्त पानी था जब्त की गई. इतना ही नहीं छात्रों को भी समझाया गया कि मामले की जानकारी परिजनों को ना दें.


मामला दबाने की कोशिश : मामले की गंभीरता को जानने के बावजूद विद्यालय एवं छात्रावास प्रबंधन ने मामले में मौन साधे रखा. जब विद्यालय प्रबंधन से बात की गई तो जो खुलासा हुआ वह कम चौकाने वाला नहीं था. बातों ही बातों में अधीक्षक से यह बात सामने आ गई कि पुराने छात्रावास अधीक्षक को पूर्व सहायक आयुक्त ने हटाकर विजय ध्रुव को अधीक्षक बनाया था. जिसकी वजह से छात्रों को निशाने पर लेते हुए यह षड्यंत्र रचा गया होगा. अधीक्षक ने यह स्वीकार किया कि कई बोतलों में दुर्गंध और केमिकल युक्त पानी पाया गया. वहीं मौके पर यूरिया के कुछ दाने भी मिले. जिससे संदेह हो रहा है कि बच्चों के पानी में यूरिया मिलाया गया था.

बच्चों की जान से खिलवाड़ : इस पूरे मामले में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य ने भी यह स्वीकार किया कि छात्रावास से जो पानी लाया गया और जिसे बच्चों ने पिया था .उसमें कुछ केमिकल की दुर्गंध आ रही थी. मामले में कार्यवाई के लिए सहायक आयुक्त को लिखित एवं मौखिक सूचना दी गई. पर अब तक उनकी ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं जब पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई तो उन्होंने तुरंत ही मरवाही विकासखंड के एसडीएम को पूरे मामले पर जांच करते हुए मामले पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए.

छात्रावास में पोस्टिंग के लिए रुपए का खेल : इसी बीच बातचीत में नव पदस्थ अधीक्षक ने स्वीकार किया कि आदिवासी विकास विभाग में छात्रावासों में पदस्थापना के लिए रुपए की मांग होती है. पहले भी 1 - 1 लाख मांगा गया. उसने खुद की पदस्थापना के लिए 1 लाख रुपए सहायक आयुक्त कार्यालय के एक बाबू को सहायक आयुक्त के नाम पर दिया था. जिसके 9- 10 दिन बाद उनको यहां का प्रभार मिला है..आवासीय विद्यालयों में छात्रावासों के संचालन के लिए गला काट प्रतिस्पर्धा में छात्रावास अधीक्षक जिस तरीके एक दूसरे को पद से हटाने और पद पाने छात्रों के जान माल से खिलवाड़ कर षड़यंत्र रच रहे हैं. निश्चित ही यह चिंता का विषय है.आवासीय विद्यालयों के बच्चों अभिवाहक छात्रावास के अधीक्षकों के भरोसे छोड़ देते हैं. उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. मामले में प्रशासन को जिम्मेदारी तय करते हुए कानूनी कार्यवाई करने की आवश्यकता है. ताकि दोषी सामने आये और छात्रावास की विश्वसनीयता कायम रहे.Marwahi latest news



Last Updated : Sep 13, 2022, 7:37 PM IST

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