बिलासपुर: आज नवरात्र का आठवां दिन है. नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र का पावन पर्व अब समापन की ओर है. यही कारण है कि सुबह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है. बिलासपुर शहर से सटे न्यू लोको कॉलोनी स्थित 120 वर्ष पुरानी सिद्ध शक्तिपीठ मां मरीमाई माता के मंदिर (Siddha Shaktipeeth Maa Marimai Mata ) में अष्टमी को लेकर विशेष पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मंदिर परिसर में छोटी-छोटी 108 कन्याओं की पूजा-अर्चना कर कन्या भोजन भी कराया गया.
दरअसल, धार्मिक स्थल मां मरीमाई माता मंदिर जो तकरीबन 120 वर्ष पुराना है. रेलवे परिक्षेत्र से सटे जंगल के किनारे सुनसान इलाके में मां मरीमाई मंदिर के रूप में विराजमान हैं. फिलहाल यहां आस्था के कारण लोग आसपास बसने लगे हैं. न्यायधानी बिलासपुर व दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माता के मंदिर के ठीक सामने सरोवर है.
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मंदिर के प्राचीन कालीन होने का के कारण धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार 1901 में स्थापित यह मूर्ति धरती के अंदर से शीला के रूप में प्रकट हुई थी, जिसका नाम त्रिपुर सुंदरी पड़ा. रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी स्वर्गीय श्री सदानंद आचारी को मां ने सपने में आकर अपनी उपस्थिति की स्वीकृति दी. आचार्य ने मां की भव्यता से अभिभूत होकर आज्ञा स्वरूप एक कल्पित प्रतिमूर्ति को भव्यतम रूपा देकर मंदिर की स्थापना की. मां त्रिपुर सुंदरी के पीछे एक पलाश वृक्ष है, जहां नाग देवता वर्षों से विराजमान हैं.