बिलासपुर: नेशनल हाईवे 130 बिलासपुर से रतनपुर के बीच बनाई गई फोर लेन सड़क हादसे का हॉटस्पॉट बन चुकी है. लगातार रोड के सेंदरी गांव में दुर्घटनाएं और मौतें हो रही हैं. रायपुर, बिलासपुर और कोरबा से आने जाने वाले भारी वाहनों के कारण राहगीर कुचले जा रहे हैं. सेंदरी के ग्रामीण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शुरू से ओवरब्रिज या अंडर ब्रिज की मांग कर रहे हैं. लेकिन कहीं सुनवाई नहीं होने की वजह से ग्रामीणों ने मंगलवार को एनएचएआई ऑफिस का घेराव कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि जब से फोर लेन का निर्माण हुआ है, तब से यहां दुर्घटना हो रही है. लेकिन अधिकारी इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं.
लगातार हो रही दुर्घटनाएं: बिलासपुर-रायपुर-कोरबा नेशनल हाईवे पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिसे लेकर अब इस सड़क को लेकर लोकल इलाकों के लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में बिलासपुर रतनपुर के बीच सेंदरी गांव के लोग सेंदरी चौक के पास हो रही दुर्घटना को लेकर गुस्से में हैं. इस सड़क में चौक को खत्म कर ओवरब्रिज या अंडर ब्रिज बनाने की मांग कर रहे है. लेकिन एनएचएआई के अधिकारियों ने इस मांग पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है. जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने एनएचएआई कार्यालय का घेराव कर दिया.
सड़क पर उतरे ग्रामीण: हाल ही एक सड़क हादसे में एक शख्स की मौत हो गई थी. उनके परिजनों ने कहा कि "लंबे समय से मांग की जा रही है. लेकिन मांग पूरी नहीं हो रही है. इस लिए सड़क से लेकर सदन तक कि लड़ाई लड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है. पहले अधिकारियों से मांग की गई, फिर प्रेसवार्ता कर प्रदेश के नेताओं तक बात पहुचाईं गई. अब एनएचएआई कार्यालय का घेराव किया गया है."
अंडरब्रिज या ओवरब्रिज की मांग: इस रोड को लेकर पिछले दिनों हाई कोर्ट ने न्यायमित्र नियुक्त कर जांच भी करवाई थी. लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद भी एनएचएआई ने कोई काम नहीं कराया. रतनपुर मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 130 है. सेंदरी के पास का तिराहा, अंधा मोड़ में आता है. सड़क बनाते वक्त राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने गंभीर तकनीकी गलती पर ध्यान नहीं दिया. अब तक तिराहे के कारण 10 से 12 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं कई लोग घायल हो चुके हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय में दुर्घटना रोकने के लिए कारगर इंतजाम किए जाने का कई बार अनुरोध किया गया. बिलासपुर से रतनपुर तक स्ट्रीट लाइट लगाने और तिराहे पर अंडरब्रिज या ओवरब्रिज का निर्माण कराये जाने की मांग की गई है. लेकिन एनएचएआई के तरफ से ग्रामीणों को निराशा ही हाथ लगी.