बिलासपुर: अयोध्या भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुना दिया है. 5 जजों ने एकमत से निर्णय दिया. इसके अनुसार विवादास्पद जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाएगी. केन्द्र सरकार ट्रस्ट को बनाएगी. मुस्लिम पक्षों को अलग से पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है. शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े की याचिका अदालत ने खारिज कर दी है.
इस फैसले के बाद संविधान के जानकार नंद कश्यप ने ETV भारत से बातचीत की. नंद कश्यप ने कहा कि ये निर्णय बहुत संतुलित है. उन्होंने ये भी कहा कि इस निर्णय में तकनीकी पक्ष को ज्यादा महत्व दिया गया है, जिसमें एएसआई की रिपोर्ट और विभिन्न दावों को आधार बनाया गया है.
नंद कश्यप ने इसे संतुलित निर्णय बताया और कि निर्णय को दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए संतुलित शब्दों में और सबकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सुनाया गया है. उन्होंने कहा कि निर्णय का बिंदुवार अध्ययन करने से और कानून सम्मत निर्णय को देखते हुए अदालत पर भरोसा और बढ़ा है.
उन्होंने ये कहा भी कि अब इस निर्णय के आने के बाद हमें चाहिए कि अन्य जरूरी और बुनियादी मुद्दों की ओर भी हम अपना ध्यान दें और राम के आदर्श को सही मायने में जमीन पर उतारें । नंद कश्यप ने कहा कि निर्णय का बिंदुबार अध्ययन करने से और कानून सम्मत निर्णय को देखते हुए हम सबका अदालतों पर और ज्यादा यकीन बढ़ गया है.