गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: मरवाही विधानसभा उपचुनाव के बीच छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (JCCJ) को बड़ा झटका लगा है. जेसीसीजे के सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने जोगी कांग्रेस का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
प्रदेश के राजस्व मंत्री और मरवाही चुनाव प्रभारी जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के तीन विधायक भी उनके संपर्क में हैं. जो पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. मरवाही उपचुनाव से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की दावेदारी खत्म होने के बाद कांग्रेस जेसीसीजे को लगातार झटके पे झटका दे रही है. इसी कड़ी में सोमवार को गौरेला विकासखंड के लालपुर, गिरवर, मेदुका, दर्री के कई कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए.
मंत्री जयसिंह ने कराया कांग्रेस में प्रवेश
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने गमछा पहनाकर सभी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में प्रवेश कराया. कार्यक्रम के दौरान जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जेसीसीजे के 90 प्रतिशत से ज्यादा कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. बचे कुचे कार्यकर्ता भी अब शामिल हो रहे हैं. धीरे-धीरे जेसीसीजे का इस जिले में पूरा सफाया हो चुका है. यह सारे कार्यकर्ता मूलतः कांग्रेसी हैं.
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मरवाही विधानसभा का इतिहास
मरवाही प्रदेश का अकेला ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां दूसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है. तब और आज के दोनों चुनावों के केंद्र में अजीत जोगी हैं. पहले के उपचुनाव में अजीत जोगी की छवि थी और इसबार के उपचुनाव में अजीत जोगी के प्रति सहानुभूति बहुत मायने रखता है. 2001 के उपचुनाव में अजीत जोगी ने बीजेपी के अमर सिंह खुसरो को भारी मतों से शिकस्त दी थी. 2003 में बीजेपी के ही नंद कुमार साय को और 2008 में भाजपा के ध्यान सिंह पोर्ते को सियासी पटखनी देकर मरवाही सीट पर कब्जा जमाए रखा. 2013 में अमित जोगी ने भाजपा की समीरा पैकरा को हराकर बड़ी जीत हासिल की थी. पहली बार वे बतौर विधायक चुने गए.
नई पार्टी के साथ मैदान में उतरे अजीत जोगी
2018 के चुनावी हालात को अजीत जोगी ने भांप लिया और फिर अमित जोगी को मरवाही सीट से चुनाव लड़ने से दूर रखा. अजीत जोगी अपनी नई पार्टी के साथ मैदान में उतरे और भारी मतों से एक बार फिर परचम लहराया. अमित जोगी दोबारा मैदान में यह कहते हुए नहीं आए कि उन्हें उनकी पार्टी के संगठन को भी संभालना है. कुछ लोग इसे अमित के खिलाफ उभरे माहौल को देखते हुए जोगी परिवार का सफल रणनीति भी मानते हैं.