बिलासपुर: मितानिनों के उत्कृष्ट कार्य के प्रोत्साहन देने के लिए सोमवार को प्रदेशभर में मितानिन दिवस मनाया गया. इसी कड़ी में बिलासपुर शहर के आस पास के सभी ग्राम पंचायतों में भी मितानिन दिवस मनाया गया.
सुपरवाइज का भी किया गया सम्मान
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मितानिन दिवस को हर्षोल्लास से मनाया गया. यहां मितानिनों के सुपरवाइजर और गांव की मितानीनों को सम्मानित किया गया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीण भी उपस्थित रहे. मितानिनों के योगदान को देखते हुए राज्य शासन ने इस साल से मितानिन दिवस मनाने का फैसला लिया है. राज्य शासन का मानना है कि बीते दशकों से मितानिनों के समर्पण के कारण बच्चों और उनके माताओं में गुणात्मक सुधार हुआ है.
शहरी क्षेत्रों में भी सक्रिय हुईं मितानिन
ग्रामीण के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में भी मितानिन सक्रिय कर दी गई हैं. जच्चा-बच्चा की देखभाल करने से लेकर अपने क्षेत्र के नागरिकों को सरकार से मिलने वाली सुविधा- सहायता मुहैया करने में इनकी अहम भूमिका रहती है.
मितानिन कल्याण कोष की स्थापना
छत्तीसगढ़ में गर्भवती माताओं का अस्पताल में प्रसव कराने के लिए मितानिन और प्रेरक महिलाओं की भूमिका से इनकी मृत्यु दर नहीं के बराबर हो गई है. शासन ने मितानिनों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री मितानिन कल्याण कोष की स्थापना भी की है. ग्राम पंचायत में मितानिनों के प्रचार प्रसार के लिए सभाओं का आयोजन हुआ. साथ ही मितानिनों के कल्याण के लिए संकल्प लिया गया.
कोरिया में भी मनाया गया मितानिन दिवस
कोरिया जिले में भी मितानिन दिवस मनाया गया. इस दौरान मितानिन बहनों का शॉल और श्रीफल से सम्मान भी किया गया. साथ ही उनकी ओर से किए जाने वाले काम की सराहना भी की गई.