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कोटा नगर पंचायत: सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोगों का शहर, लेकिन हर साल डायरिया-मलेरिया से होती है कई मौतें - municipal elections

कोटा नगर पंचायत में भी जिले के बाकी नगरीय क्षेत्र की तरह कई बुनियादी मुद्दे हैं, लेकिन यहां स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने के कारण पलायन बड़ी समस्या है. क्षेत्र में कोई कल-कारखाना नहीं होने के कारण लोग बड़ी संख्या में पलायन कर जाते हैं.

कोटा नगर पंचायत खस्ता-हाल
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Published : Nov 1, 2019, 11:32 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 12:37 AM IST

बिलासपुर: जिला मुख्यालय से करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटा नगर पंचायत मूल रूप से कृषि पर आधारित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. कोटा नगर पंचायत वन क्षेत्र से घिरा है. कोटा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां के लोग मूल रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. ग्रामीण इलाकों के बीच बसे नगरीय क्षेत्र में कुछ व्यवसायिक चहल-पहल भी दिखती है. कोटा क्षेत्र राजनीतिक रूप से काफी सशक्त माना जाता है. कोटा का साक्षरता दर 81.75 फीसदी के साथ राज्य में बेहतर स्थिति में है. यहां का एक रोचक तथ्य ये भी है कि कोटा विधानसभा सीट आजादी के बाद से पहली बार कांग्रेस मुक्त हुई है.

कोटा नगर पंचायत

कोटा नगर पंचायत में भी जिले के बाकी नगरीय क्षेत्र की तरह कई बुनियादी मुद्दे हैं, लेकिन यहां स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने के कारण पलायन बड़ी समस्या है. क्षेत्र में कोई कल-कारखाना नहीं होने के कारण लोग बड़ी संख्या में पलायन कर जाते हैं. शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल भी बेहाल है. शहर में गंदगी के कारण कोटा के ज्यादातर लोग हमेशा मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों से पीड़ित रहते हैं. यहां मलेरिया से हर साल कई मौतें होती है. इसके अलावा नगर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में हर साल सैकड़ों लोग डायरिया से पीड़ित रहते हैं. नगरीय क्षेत्र में पानी, साफ-सफाई और सड़क की समस्या भी व्याप्त है.

वर्तमान में कोटा नगर पंचायत को सामान्य सीट के लिए छोड़ा गया है. कोटा नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 4 हजार 28 घर है. कोटा में कुल 15 वार्ड हैं. कोटा की जनसंख्या लगभग 18405 है. इसमें 8934 महिला और 9471 पुरुषों की संख्या है. शहर में कुल 10500 मतदाता हैं.

बिलासपुर: जिला मुख्यालय से करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटा नगर पंचायत मूल रूप से कृषि पर आधारित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. कोटा नगर पंचायत वन क्षेत्र से घिरा है. कोटा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां के लोग मूल रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. ग्रामीण इलाकों के बीच बसे नगरीय क्षेत्र में कुछ व्यवसायिक चहल-पहल भी दिखती है. कोटा क्षेत्र राजनीतिक रूप से काफी सशक्त माना जाता है. कोटा का साक्षरता दर 81.75 फीसदी के साथ राज्य में बेहतर स्थिति में है. यहां का एक रोचक तथ्य ये भी है कि कोटा विधानसभा सीट आजादी के बाद से पहली बार कांग्रेस मुक्त हुई है.

कोटा नगर पंचायत

कोटा नगर पंचायत में भी जिले के बाकी नगरीय क्षेत्र की तरह कई बुनियादी मुद्दे हैं, लेकिन यहां स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने के कारण पलायन बड़ी समस्या है. क्षेत्र में कोई कल-कारखाना नहीं होने के कारण लोग बड़ी संख्या में पलायन कर जाते हैं. शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल भी बेहाल है. शहर में गंदगी के कारण कोटा के ज्यादातर लोग हमेशा मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों से पीड़ित रहते हैं. यहां मलेरिया से हर साल कई मौतें होती है. इसके अलावा नगर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में हर साल सैकड़ों लोग डायरिया से पीड़ित रहते हैं. नगरीय क्षेत्र में पानी, साफ-सफाई और सड़क की समस्या भी व्याप्त है.

वर्तमान में कोटा नगर पंचायत को सामान्य सीट के लिए छोड़ा गया है. कोटा नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 4 हजार 28 घर है. कोटा में कुल 15 वार्ड हैं. कोटा की जनसंख्या लगभग 18405 है. इसमें 8934 महिला और 9471 पुरुषों की संख्या है. शहर में कुल 10500 मतदाता हैं.

Intro:बिलासपुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटा नगर पंचायत मूल रूप से कृषि आधारित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है । कोटा नगर पंचायत के अंतर्गत बड़े पैमाने में वन क्षेत्र भी मौजूद है । कोटा आदिवासी बहुल क्षेत्र है । यहां ग्रामीण मूल रूप से खेती पर अपना जीवन यापन करते हैं । नगरीय क्षेत्र में जरूर कुछ व्यवसायिक चहल पहल दिखती है ।Body: कोटा क्षेत्र राजनीतिक रूप से भी काफी सशक्त माना जाता है । कोटा विधानसभा आजादी के बाद से पहली बार बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पारंपरिक सीट से मुक्त हुई है ।
मुद्दे....
कोटा में अन्य नगरीय क्षेत्र की तरह ऐसे कई बुनियादी मुद्दे हैं लेकिन यहां प्रमुख रूप से पलायन की समस्या व्याप्त है । यहां बड़े पैमाने पर लोग महानगरों की ओर नौकरी की तलाश में पलायन करते हैं । स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी कोटा का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है । कोटा के ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया का अत्यधिक प्रभाव रहा है और यहां मलेरिया से हर साल मौत के मामले सामने आते रहते हैं । इसके अलावा ग्रामीण हर वर्ष डायरिया और संक्रमण रोगों के शिकार होते रहते हैं । स्वास्थ्य सुविधा के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र कमजोर आंका जाता है । नगरीय क्षेत्र में पीने की पानी की समस्या, साफ सफाई और सड़क की समस्या भी व्याप्त है ।
Conclusion:वर्तमान में कोटा को नगर पंचायत को सामान्य सीट के लिए छोड़ा गया है । कोटा में कुल 15 वार्ड हैं ।
यहां वर्तमान में नगर पंचायत अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता हैं । कोटा की जनसंख्या लगभग 18405 है,जिनमें महिला 8934 और पुरूष 9471 है। यहां मूलभूत आवश्यकता के रूप में सड़क, पानी, नाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, अतिक्रमण व सुव्यवस्थित बाजार का ना होना है। मतदाता सूची के अनुसार यहां 10500 मतदाता हैं। कोटा का साक्षरता दर बेहतर 81.75 फीसदी है। यहां कुल 4हजार 28 घर हैं ।
विशाल झा....बिलासपुर
Last Updated : Nov 2, 2019, 12:37 AM IST
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