बिलासपुर: चांटापारा बस्ती के विस्थापन का मुद्दा अभी सुलझा भी नहीं था कि, अरपा नदी के किनारे बसी एक और बस्ती गोंडपारा में लोगों को मिले विस्थापन के नोटिस ने तूल पकड़ लिया है. स्थानीय लोगों ने किसी भी कार्रवाई के मद्देनजर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इस मामले में विपक्ष ने भी अपने तेवर को तेज कर लिए हैं.
पूर्व महापौर किशोर राय ने ETV भारत से बातचीत करते हुए पहले की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. किशोर राय ने कहा कि कोरोना के आपात स्थिति में बस्ती को उजाड़ना सरकार का हिटलरशाही रवैया है. पूर्व महापौर ने अरपा किनारे बननेवाले सम्भावित प्रोजेक्ट को संदेह के घेरे में लिया गया है. इससे पहले पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह और नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने चांटापारा बस्ती को उजाड़ने की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी और बरसात के साथ-साथ कोरोना काल में प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी.
![local people warned for displacement of land](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bls-01-visthapan-avb-7203484_18062020120315_1806f_00714_55.jpg)
पढ़ें- महासमुंद में BJP की वर्चुअल रैली, सांसद ने किया संबोधित
200 से अधिक परिवारों का हुआ करता था बसेरा
![local people warned for displacement of land](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bls-01-visthapan-avb-7203484_18062020120311_1806f_00714_38.jpg)
अब इस मुद्दे ने फिर से तूल पकड़ लिया है. बताया जा रहा है कि गोंडपारा बस्ती में भी इस तरह की कार्रवाई सम्भावित बताई जा रही है. जिससे स्थानीय लोग सकते में हैं. चांटापारा बस्ती में 200 से अधिक परिवारों का बसेरा हुआ करता था और यह बस्ती में निम्न आयवालों की एक मलीन बस्ती के रूप में जानी जाती थी. इस मामले को लेकर हमने स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी ली थी. स्थानीय लोगों का कहना था कि बेजा कब्जा हटाने को लेकर उन्हें प्रशासन ने नोटिस थमाया था और नोटिस मिलने के 48 घंटे के बाद स्थानीय प्रशासन ने आनन-फानन में तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी थी. नोटिस जारी होने और नोटिस मिलने में कई दिन लग गए, ऐसे में उनके साथ अन्याय किया गया.