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छात्रावास के खाने में निकला केंचुआ, अधीक्षिका ने कहा- छोटी-मोटी गलतियां हो जाती हैं - छात्रावास के खाने में निकला केंचुआ

मस्तूरी के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास का हाल-बेहाल है. हॉस्टल की छात्राओं ने हॉस्टल अधीक्षिका पुष्पावति निराला पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल में बिजली, पानी और भोजन की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

हॉस्टल के छात्रा
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Published : Sep 17, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 4:39 PM IST

बिलासपुर: शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिशें करने का दावा करती है. सरकार कई छात्रावास भी संचालित कर रही है, ताकि गरीब तबके के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन मस्तूरी के इस छात्रावास की हालत इतनी बुरी है कि यहां रहने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

हॉस्टल के खाने में निकला केंचुआ

मस्तूरी के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास का हाल-बेहाल है. हॉस्टल की छात्राओं ने हॉस्टल अधीक्षिका पुष्पावति निराला पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल में बिजली, पानी और भोजन की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि खाने के मेनू का पालन नहीं किया जा रहा है. हॉस्टल में समय-समय पर निरीक्षण के लिए अधिकारी आते रहते पर कोई सुधार नहीं किया जाता है.

एसडीएम ने छात्रा का जाना हालचाल
छात्राओं ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रावास में मिलने वाले भोजन में केंचुआ मिला था, दो छात्राएं बिलासपुर के सिम्स में भर्ती हैं. कलेक्टर के निर्देश पर मस्तूरी एसडीएम ने हॉस्पिटल पहुंच छात्रा का हालचाल जाना.

छात्राओं का कहना है कि अधीक्षक मैडम के द्वारा खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था के लिए उनसे अनौपचारिक तरीके से प्रति माह 350 रुपये लिए जाते हैं. हॉस्टल में कुल 50 लड़कियां है और इस सभी से 350 रुपये की दर से हर महीने 17,000 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके अच्छा खाना नहीं दिया जा रहा है.

प्रशासन नहीं कर रही कार्रवाई
अधीक्षिका की मनमर्जी से परेशान होकर कई छात्राओं ने हॉस्टल तक छोड़ दिया है. छात्राओं ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं इस मामले में अधीक्षिका अपने आप को निर्दोष बता रही हैं. उनका कहना है कि कभी-कभार छोटी मोटी गलती हो जाती है.

बिलासपुर: शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिशें करने का दावा करती है. सरकार कई छात्रावास भी संचालित कर रही है, ताकि गरीब तबके के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन मस्तूरी के इस छात्रावास की हालत इतनी बुरी है कि यहां रहने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

हॉस्टल के खाने में निकला केंचुआ

मस्तूरी के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास का हाल-बेहाल है. हॉस्टल की छात्राओं ने हॉस्टल अधीक्षिका पुष्पावति निराला पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल में बिजली, पानी और भोजन की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि खाने के मेनू का पालन नहीं किया जा रहा है. हॉस्टल में समय-समय पर निरीक्षण के लिए अधिकारी आते रहते पर कोई सुधार नहीं किया जाता है.

एसडीएम ने छात्रा का जाना हालचाल
छात्राओं ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रावास में मिलने वाले भोजन में केंचुआ मिला था, दो छात्राएं बिलासपुर के सिम्स में भर्ती हैं. कलेक्टर के निर्देश पर मस्तूरी एसडीएम ने हॉस्पिटल पहुंच छात्रा का हालचाल जाना.

छात्राओं का कहना है कि अधीक्षक मैडम के द्वारा खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था के लिए उनसे अनौपचारिक तरीके से प्रति माह 350 रुपये लिए जाते हैं. हॉस्टल में कुल 50 लड़कियां है और इस सभी से 350 रुपये की दर से हर महीने 17,000 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके अच्छा खाना नहीं दिया जा रहा है.

प्रशासन नहीं कर रही कार्रवाई
अधीक्षिका की मनमर्जी से परेशान होकर कई छात्राओं ने हॉस्टल तक छोड़ दिया है. छात्राओं ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं इस मामले में अधीक्षिका अपने आप को निर्दोष बता रही हैं. उनका कहना है कि कभी-कभार छोटी मोटी गलती हो जाती है.

Intro:एक तरफ शिक्षा स्तर सुधारने के लिए शासन कई महत्वकांक्षी योजना चलाई जा रही हैं जिसमें गरीब तबके के छात्राओ को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए छात्रावास संचालित किया जा रहा हैं । तो वहीं मस्तूरी के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास का हाल कुछ और ही है । यहां हॉस्टल की छात्राएं हॉस्टल अधीक्षिका पुष्पावति निराला की प्रताड़ना से तंग आ चुकी हैं जिस पर छात्राओ में एक दहशत का माहौल बना हुआ है । अव्यवस्थाओ का यह आलम यह है कि कुछ छात्राओ का तबियत भी खराब हो गई और कुछ छात्रावास छोड़ने को मजबूर हो कर घर से स्कूल आने लगे हैं। छात्राओं ने कई बार उच्च अधिकारियों से इस बात की शिकायत की है लेकिन उनका कोई सुध लेनेवाला नही है । Body:छात्रावास में बिजली पानी के भोजन,आदि समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छात्राओ ने बताया की भोजन के मीनू का पालन नहीं किया जा रहा है। अधीक्षिका की मनमर्जी चल रही है। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। बीते दिनों ने छात्रावास में मिलने वाले भोजन में केचुआ मिला था और दो छात्राए बिलासपुर के सिम्स में भर्ती हैं जिसका जायजा लेने कलेक्टर के निर्देश पर मस्तूरी एसडीएम हॉस्पिटल पहुच कर जायजा ली Conclusion:वही छात्राओ का कहना है कि अधिक्षिका मैडम के द्वारा खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था के लिए अनौपचारिक रूप से प्रत्येक छात्राओं से प्रति माह 350 /-रुपये लेती है हम सभी 50 लड़कियाँ है और 350 रुपये की दर से हर महीने हमसे 17,000 रुपये लेती है जो कि सरकारी नियमों को ताक में रखकर ऐसी उगाही करने की कोई व्यवस्था नहीं है ।

दूसरी ओर अधीक्षिका पुष्पवती निराला अपने आप को पाक साबित कर करने में लगी रही और ऐसी गलती कभी कभार हो जाती है ऐसा कहकर बात को टालती नजर आ रही है ।
विशाल झा.....बिलासपुर
Last Updated : Sep 17, 2019, 4:39 PM IST
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