बिलासपुर: शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिशें करने का दावा करती है. सरकार कई छात्रावास भी संचालित कर रही है, ताकि गरीब तबके के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन मस्तूरी के इस छात्रावास की हालत इतनी बुरी है कि यहां रहने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
मस्तूरी के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास का हाल-बेहाल है. हॉस्टल की छात्राओं ने हॉस्टल अधीक्षिका पुष्पावति निराला पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल में बिजली, पानी और भोजन की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि खाने के मेनू का पालन नहीं किया जा रहा है. हॉस्टल में समय-समय पर निरीक्षण के लिए अधिकारी आते रहते पर कोई सुधार नहीं किया जाता है.
एसडीएम ने छात्रा का जाना हालचाल
छात्राओं ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रावास में मिलने वाले भोजन में केंचुआ मिला था, दो छात्राएं बिलासपुर के सिम्स में भर्ती हैं. कलेक्टर के निर्देश पर मस्तूरी एसडीएम ने हॉस्पिटल पहुंच छात्रा का हालचाल जाना.
छात्राओं का कहना है कि अधीक्षक मैडम के द्वारा खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था के लिए उनसे अनौपचारिक तरीके से प्रति माह 350 रुपये लिए जाते हैं. हॉस्टल में कुल 50 लड़कियां है और इस सभी से 350 रुपये की दर से हर महीने 17,000 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके अच्छा खाना नहीं दिया जा रहा है.
प्रशासन नहीं कर रही कार्रवाई
अधीक्षिका की मनमर्जी से परेशान होकर कई छात्राओं ने हॉस्टल तक छोड़ दिया है. छात्राओं ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं इस मामले में अधीक्षिका अपने आप को निर्दोष बता रही हैं. उनका कहना है कि कभी-कभार छोटी मोटी गलती हो जाती है.