बिलासपुर: जिले के अंतर्गत मल्हार नगर पंचायत में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे मजदूरों को जरूरी सुविधा के लिए तरसना पड़ रहा है. खाने-पीने के साथ ही साफ-सफाई की सुविधा भी इन्हें नहीं मिल रही है. एक तरफ शासन-प्रशासन पूरी तरह से प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, पानी और साबुन-सैनिटाइजर की व्यवस्था की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मल्हार के क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था देखने को मिल रही है.
यहां मजदूरों को समय पर भोजन नहीं मिल रहा है. उनके छोटे-छोटे बच्चे भूखे पेट ही सोने को मजबूर हैं. इस बात की जानकारी भोजन बांटने वालों को भी दी जा चुकी है. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
अधिकारी ने आरोप को ठहराया गलत
नगर पंचायत के अधिकारी से नाराज मजदूर अपने घरों से खाना मंगाना शुरू कर चुके हैं. नगर पंचायत के तरफ से दिए जाने वाले खाने को लेकर भी मजदूरों ने शिकायत की है कि यह भोजन गुणवत्ताहीन है. इस मामले में सीएमओ पूर्णेन्दु तिवारी ने मजदूरों की शिकायत को गलत करार दिया है. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले मजदूरों की हकीकत कुछ और ही बयां करती है.
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मजदूरों को हो रही परेशानी
कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग को हुई है. देश के कोने-कोने से मजदूूर अपने गृहग्राम जाने के लिए निकल पड़े हैं. लगातार मजदूरों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. वहीं बाहर से आए हुए मजदूरों को प्रदेश के संबंधित जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है, लेकिन यहां भी सुविधा नहीं मिलने की वजह से मजदूरों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.