गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं, जिससे दिहाड़ी मजदूरों को खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे तकरीबन 19 मजदूरों की टोली 400 किलोमीटर पैदल ही अपने घर के लिए निकल चुके हैं.मजदूरों ने बताया कि रायपुर से मध्यप्रदेश के उमरिया जाने को निकले हैं, जो पुलिस से छुपते-छुपाते भूखे-प्यासे अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं, जिनको पैदल चलते 4 दिन बीते चुके हैं.
मजदूरों की टोली से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि 'उनको पैदल चलते चौथा दिन है, जो प्रदेश के सीमांत जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही पहुंचे हैं'. जो शाम तक ग्रामीण इलाकों से छुपते-छुपाते मध्य प्रदेश की सीमा में पहुंच जाएंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि ये मजदूर बीते 4 दिनों से राजधानी रायपुर से न्यायधानी बिलासपुर और रतनपुर होकर पेंड्रा तक आ पहुंचे. लेकिन रास्ते में कहीं भी इनकी पड़ताल नहीं हुई.
रास्ते में ग्रामीणों ने की मदद
मजदूरों ने बताया कि 'कई ग्रामीणों ने रास्ते में इनकी मदद की, किसी ने पीने का पानी दिया, तो किसी ने बिस्किट और कुछ खाने के सामान भी उपलब्ध कराएं. वहीं मजदूरों की मानें तो फैक्ट्री बंद हो गई, जिसके बाद फैक्ट्री मालिक ने उन्हें वापस घर जाने को कह दिया.
4 दिन पैदल चल चुके हैं मजदूर
वहीं इनका मैनेजर भी वहां से अपने घर को चल दिया, तो इनका कहना है. इनके पास पैसा भी नहीं है. लगभग 100 लोग हैं, जो अलग-अलग समूह में रायपुर से बिलासपुर रतनपुर पेंड्रा होते हुए अनूपपुर शहडोल के रास्ते उमरिया जा रहे हैं. ये सभी 4 दिन पहले रायपुर से निकले थे. रात दिन चलते हुए आज पेंड्रा पहुंचे हैं, जिसके बाद तीन दिन और चलेंगे तब कहीं ये अपने घर मध्यप्रदेश के उमरिया पहुचेंगे.