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Kinnar Community Problems In Bilaspur समाज में बराबरी का दर्जा पाने संघर्ष कर रहे किन्नर, रहस्यों से भरा होता है जीवन - किन्नर समुदाय के छिपे रहस्य

kinnar community Problems हमारे समाज में कई तरह के जाति और समुदाय के लोग रहते हैं.इन्हीं समुदायों से एक है थर्ड जेंडर.जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में किन्नर कहा जाता है.देश में थर्ड जेंडर्स के लिए कई तरह की सुविधाएं आज दी जा रही हैं.बावजूद इसके आज भी किन्नर समुदाय अपने पारंपरिक काम में ही लगा हुआ है.बिलासपुर में भी किन्नर समुदाय अपने पुराने काम से ही जीवन यापन करने को मजबूर है. Bilaspur Kinnar Community

Kinnar Community Problems In Bilaspur
समाज में बराबरी का दर्जा पाने संघर्ष कर रहे किन्नर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 8, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Nov 9, 2023, 5:17 PM IST

समाज में बराबरी का दर्जा पाने संघर्ष कर रहे किन्नर

बिलासपुर : किन्नर समाज का पारंपरिक काम नाच गाकर लोगों को दुआए देकर बक्शीश लेना है. ऐसा माना जाता है कि यदि किन्नर ने किसी को दिल से दुआ दी तो वो खाली नहीं जाती.त्यौहार, शादी ब्याह और घर में नन्हे मेहमानों के आने पर किन्नर अक्सर नाच गाकर नजराना मांगते हैं.लेकिन दूसरों की खुशी में शामिल होकर उनकी बलाएं लेने वाला किन्नर समाज आज भी तकलीफ से गुजर रहा है.इसलिए किन्नर समाज के लोग कहते हैं कि भले ही ऊपर वाले ने धरती पर उन्हें दूसरों की बलाएं लेने भेजा है,लेकिन किसी और को किन्नर की जिंदगी नसीब ना ही हो तो अच्छा.

समाज में बराबरी के लिए संघर्ष कर रहा किन्नर समुदाय : लंबे समय से किन्नर समुदाय समाज में बराबरी का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. किन्नर भले ही समाज के बीच में रहते हैं.लेकिन लोगों इन्हें हिकारत की नजरों से देखते हैं. कई लोग अपने घर पर इनके कदम पड़ने को शुभ मानते हैं. बावजूद इसके एक बड़ा वर्ग आज भी किन्नरों को समाज में स्वीकारने से डरता है.यही वजह है कि किन्नरों को वो सम्मान नहीं मिलता जितना उन्हें मिलना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि किन्नरों की बद्दुआ जीवन को कष्टों में डाल देती है.इसलिए कई बार नाराज होने पर भी किन्नर दूसरों के लिए बद्दुआ नहीं निकालते हैं.


नाच गाकर मांगते हैं पैसे : किन्नर हमेशा समूह में रहते हैं और ये समूह एक साथ ही जीवन बसर करता है. किन्नर पूरे साल लोगों के घरों में खुशियों के समय जाते हैं और उन्हें दुआ देकर कुछ पैसे लेते है.इन्हीं पैसों से किन्नरों को गुजर बसर होता है. बिलासपुर शहर में हर साल किन्नर समुदाय दीपावली के समय बाजार और गलियों में घूम-घूम कर लोगों को गाना सुनाते हैं.इसके बाद नाच गाकर पैसे लेते हैं. किन्नर समुदाय की गुरु आशा का कहना है कि वह ऐसा कर लोगों से पैसे मांगते हैं, लेकिन उनकी बलाएं भी लेते हैं. वह सभी से इज्जत से पेश आते हैं और उनके लिए वह ऊपर वाले से दुआ करते हैं ताकि सभी का जीवन सुखमय गुजरे. किन्नर आभा शर्मा के मुताबिक लोगों के दुख में उनको दुआ देकर जाते हैं. दीपावली पर्व पर वो बाजार में पैसे मांगते हैं,फिर नाचकर लोगों को खुश करते हैं.

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किन्नर समुदाय के छिपे रहस्य : किन्नर समुदाय में कुछ ऐसी परंपराएं हैं जो अभी समाज से छिपी हुई हैं. जैसे इनकी मैय्यत कभी भी किसी ने नहीं देखी. किन्नर मरने वालों का अंतिम संस्कार कहां करते हैं. इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. ऐसा माना जाता है कि किन्नर जब मरते हैं तो उनका शव घर में ही दफनाया जाता है . इस मामले में किन्नर समाज भी कुछ नहीं बताता. वहीं घर में शव दफनाने का कोई प्रमाण भी नहीं है.

समाज में बराबरी का दर्जा पाने संघर्ष कर रहे किन्नर

बिलासपुर : किन्नर समाज का पारंपरिक काम नाच गाकर लोगों को दुआए देकर बक्शीश लेना है. ऐसा माना जाता है कि यदि किन्नर ने किसी को दिल से दुआ दी तो वो खाली नहीं जाती.त्यौहार, शादी ब्याह और घर में नन्हे मेहमानों के आने पर किन्नर अक्सर नाच गाकर नजराना मांगते हैं.लेकिन दूसरों की खुशी में शामिल होकर उनकी बलाएं लेने वाला किन्नर समाज आज भी तकलीफ से गुजर रहा है.इसलिए किन्नर समाज के लोग कहते हैं कि भले ही ऊपर वाले ने धरती पर उन्हें दूसरों की बलाएं लेने भेजा है,लेकिन किसी और को किन्नर की जिंदगी नसीब ना ही हो तो अच्छा.

समाज में बराबरी के लिए संघर्ष कर रहा किन्नर समुदाय : लंबे समय से किन्नर समुदाय समाज में बराबरी का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. किन्नर भले ही समाज के बीच में रहते हैं.लेकिन लोगों इन्हें हिकारत की नजरों से देखते हैं. कई लोग अपने घर पर इनके कदम पड़ने को शुभ मानते हैं. बावजूद इसके एक बड़ा वर्ग आज भी किन्नरों को समाज में स्वीकारने से डरता है.यही वजह है कि किन्नरों को वो सम्मान नहीं मिलता जितना उन्हें मिलना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि किन्नरों की बद्दुआ जीवन को कष्टों में डाल देती है.इसलिए कई बार नाराज होने पर भी किन्नर दूसरों के लिए बद्दुआ नहीं निकालते हैं.


नाच गाकर मांगते हैं पैसे : किन्नर हमेशा समूह में रहते हैं और ये समूह एक साथ ही जीवन बसर करता है. किन्नर पूरे साल लोगों के घरों में खुशियों के समय जाते हैं और उन्हें दुआ देकर कुछ पैसे लेते है.इन्हीं पैसों से किन्नरों को गुजर बसर होता है. बिलासपुर शहर में हर साल किन्नर समुदाय दीपावली के समय बाजार और गलियों में घूम-घूम कर लोगों को गाना सुनाते हैं.इसके बाद नाच गाकर पैसे लेते हैं. किन्नर समुदाय की गुरु आशा का कहना है कि वह ऐसा कर लोगों से पैसे मांगते हैं, लेकिन उनकी बलाएं भी लेते हैं. वह सभी से इज्जत से पेश आते हैं और उनके लिए वह ऊपर वाले से दुआ करते हैं ताकि सभी का जीवन सुखमय गुजरे. किन्नर आभा शर्मा के मुताबिक लोगों के दुख में उनको दुआ देकर जाते हैं. दीपावली पर्व पर वो बाजार में पैसे मांगते हैं,फिर नाचकर लोगों को खुश करते हैं.

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Last Updated : Nov 9, 2023, 5:17 PM IST
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