बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है. भाजपा ने सरकार बना ली है, लेकिन अब राजनीतिक गलियां में भाजपा के अप्रत्याशित रूप से सीट हासिल करने और कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के कई कारण बताई जा रही है. राजनीति के जानकार अलग-अलग तरह से अपनी राय दे रहे हैं. राजनीति के जानकारी जहां पीएम मोदी के वादे और उनकी गारंटी की मतदाताओं भरोसे पर भारी पड़ने की बात कह रहे है, वही कांग्रेस सरकार के प्रति मतदाताओं की सोच को बदल जाने को बड़ा कारण मान रहे है. छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कांग्रेस का यही हाल हुआ है. वहां भी कांग्रेस के भरोसे और योजनाओं पर मतदाता ने विश्वास नहीं किया, जहां गहलोत सरकार सत्ता से बाहर हो गई वहीं कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कोई खास समर्थन नहीं मिला.
बिलासपुर में 5 सालों में ही मतदाताओं ने भूपेश सरकार से अपना भरोसा उठा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है. तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत वाली कांग्रेस 2023 के चुनाव में आधी सीटों पर सिमट कर रह गई, वहीं बिलासपुर संभाग में कांग्रेस ने कुछ अपनी लाज तो बचा ली लेकिन सरगुजा संभाग में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया. आम जनता को पीएम मोदी की गारंटी पसंद आई या कांग्रेस सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सेमतदाता नाराज हुए. यह तो अलग बात है, लेकिन अगर कुछ कारणों की बात करें तो उनमें से कई ऐसे कारण है जिसे जनता ने समझा और यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से भूपेश की सरकार को हटाने में जनता ने सोच समझ कर अपना जनादेश दिया है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जाने और आंधी की तरह उसे उड़ा ले जाने में भाजपा के कामयाब होने के कई कारण बताए जा रहे हैं. भूपेश सरकार के द्वारा किए कार्य और वादे की बात की जाए तो अब तक सरकार ने अपने सारे वादे पूरे नहीं किए हैं. इस मामले में राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार हबीब खान का कहना है कि राजनीति में चुनाव के दौरान कई घोषणाएं की जाती है. यह जरूरी नहीं है कि 5 सालों में सरकार सारी घोषणाएं पूरी कर ली जाए, लेकिन कुछ ऐसी बड़ी घोषणाएं होती है जो आम जनता से जुड़ी होती हैं और उसे जल्द पूरा करना जरूरी होता है.
कांग्रेस की हार के पांच कारण:
1. राज्य सरकार पर लगे 2000 करोड़ के शराब घोटाला और शराब माफियाओं से सांठ गांठ को लेकर ईडी की कार्रवाई और अधिकारियों सहित उद्योगपतियों को जेल में डालना.
2. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में पीएससी परीक्षा और इसके परिणाम को लेकर घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप का मुद्दा काफी छाया रहा और आम जनता का भरोसा सरकार से उठ गया.
3. राज्य बनने के बाद भूपेश बघेल ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा और गोठान शुरू किया, लेकिन शुरुआत से लेकर ही सभी योजनाएं हासिये पर रही और भाजपा के गोठान घोटाला का आरोप भी बड़ा मुद्दा बना.
4. कांग्रेस की सरकार बनते ही पूर्ण शराबबंदी का वादा किया गया था, लेकिन 5 साल होने पर भी यह वादा पूरा नहीं किया गया.
5. भूपेश सरकार पूरे 5 साल किसानों पर ही रह गई और इससे उभर नहीं पाई. भूपेश सरकार ने मध्यम वर्गीय परिवार और राज्य के शासकीय कर्मचारी के लिए कोई खास योजनाएं या लाभ उन्हें नहीं पहुंचाया.
भाजपा के सत्ता में काबिज होने के पांच बड़े कारण:
1. छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का वादा ने महिलाओं का दिल जीत लिया और इसीलिए आधी आबादी ने भाजपा को चुना
2. छत्तीसगढ़ में शुरुआत से ही भाजपा नेता और मंत्री डबल इंजन की सरकार केंद्र और राज्य के डबल इंजन पर लोगों ने भरोसा जताया और विकास में बाधा नहीं आने के गारंटी पर किया भरोसा.
3. किसानों को धान की कीमत एक मुफ्त गांव में देने का वादा, कांग्रेस से ज्यादा कीमत पर ज्यादा धान खरीदी का वादा, 2 साल का बकाया बोनस भी दिसंबर में ही दिए जाने का वादा, किसानों का दिल जीत लिया.
4. भाजपा शुरू से ही छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व कार्ड खेल रही थी. हिंदुत्व के एजेंडा से ध्रुवीकरण की राजनीति ने मतदाताओं का मन बदल दिया और भूपेश सरकार हिंदुत्व के मामले में पिछड़ गई.
5. शासकीय कार्यालय से लेकर दूसरे शासकीय उपक्रमों में घूसखोरी और बेईमानी ने मतदाताओं को भाजपा पर मोहर लगाने मजबूर कर दिया.