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Shani Dev Mandir: चिल्हाटी में शनिदेव का चमत्कारिक मंदिर, यहां 3 शनिवार तिल तेल चढ़ाने से दूर होता है शनि दोष - Shani Dev Mandir

सूर्य पुत्र शनि की साढ़े साती और उनकी महिमा दोनों ही भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होती है. शनि देवता के प्रकोप और उनके आशीर्वाद से भक्त उनकी पूजा करते हैं. उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं. हाल के कुछ वर्षों में सूर्य पुत्र शनि भगवान की मान्यताओं और धार्मिक महत्व से शनि देवता की पूजा करने वालों की संख्या में इजाफा भी हो रहा है. भक्त शनि भगवान की पूजा के लिए कई स्थानों में मंदिर का निर्माण करा रहे हैं. बिलासपुर के चिल्हाटी में शनि मंदिर का निर्माण भले ही कुछ साल पहले किया गया है. लेकिन यहां की ख्याति बहुत बढ़ गई है. शनि शिंगणापुर के शनि प्रतिमा की तरह यहां भी शनि प्रतिमा स्थापित की गई है. वैसे ही यहां भी पूजा की जाती है. Worship of Shani Temple in Chilhati

Shani will rain by worshiping like this
शनिदेव की ऐसे करें पूजा
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Published : Feb 25, 2023, 6:05 AM IST

चिल्हाटी में शनिदेव का चमत्कारिक मंदिर

बिलासपुर: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के महत्व के विषय में लोग जानते हैं. लेकिन बिलासपुर के चिल्हाटी स्थित शनि मंदिर का स्वरूप भी महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की तरह ही मंदिर का निर्माण कराया गया है. यहां के मंदिर में महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की तरह उसी स्वरूप में प्रतिमा स्थापित है. जो शिंगणापुर में है. जो मात्र एक काले शिला के रूप में स्थापित है. खुले आसमान के नीचे इसकी स्थापना की गई है. यह मंदिर शहर से 10 किलोमीटर दूर है. भक्त यहां दूर दूर से आते हैं. यहां शनिवार सुबह 4 बजे से भगवान शनि की पूजा करने का सिलसिला शुरू होता है जो दोपहर तक चलता है.

काले कपड़े का चढ़ावा और तिल तेल से होती है पूजा: चिल्हाटी (चिल्हटी) का शनि मंदिर अपने आप में शिंगणापुर मंदिर का स्वरूप धारण किये हुए है. इसका महत्व भी लोग वैसे ही मानते हैं. जैसे शिंगणापुर मंदिर का मानते है. भक्त यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले शरीर के पूरे वस्त्र त्यागकर भगवा रंग का कपड़ा धारण कर मंदिर के पीछे बहने वाली नदी में स्नान करते हैं. मंदिर के पास की दुकान से तिल तेल और काला कपड़ा लेकर मंदिर पहुंचते हैं. काला वस्त्र चढ़ाकर भक्त तिल के तेल प्रतिमा में डालकर पूजा करते हैं. इसके बाद दीपक जलाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं. मंदिर पहुंचने वाले इस मंदिर में काफी आस्था रखते है और पूजा कर अपने बिगड़े काम ठीक करने का आशीर्वाद मांगते हैं.

यह भी पढ़ें: Somvati Amavasya: सुहागिनों के लिए खास है सोमवती अमावस्या, शिव की पूजा से मिलेगा सदा सुहाग का वरदान !

3 शनिवार पूजा करने से होती है मनोकामना पूरी: चिल्हाटी शनि मंदिर की ख्याति लगातार बढ़ती जा रही है. भक्तों का तांता शनिवार को सुबह से ही लगना शुरू हो जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में 3 शनिवार तिल तेल चढ़ाकर पूजा करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है. मंदिर के पंडित विजय महाराज ने बताया कि "3 शनिवार तिल तेल से अभिषेक कर प्रतिमा में काला कपड़ा बांधने से मनोकामना की पूर्ति होती है. विवाह बाधा, ज्योतिष बाधा, भूत बाधा जैसे कई बाधाओं को यहां तीन शनिवार पूजा करने से दूर किया जा सकता है. इसके अलावा किसी भी शुभ कार्य के लिए पूजा करने पर कार्य करने के दौरान कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती और भक्तों के साथ भगवान शनि हमेशा रहते हैं. उनके कार्य पूरा होने तक भगवान शनि अपनी कृपा बनाए रखते हैं ताकि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो सके."

शनिदेव बनाते हैं बिगड़े काम: भगवान शनि की कृपा जिस पर बनती है. उसका जीवन खुशियों से भर जाता है और उसके जीवन में कोई विपत्ति नहीं आती. बिलासपुर के रहने वाले शनि भक्त लक्ष्मी प्रताप केवट ने बताया कि "जब से यहां आना शुरू किया है तब से उसके सारे बिगड़े काम बनते गए और उसकी जो मनोकामनाएं थी उसकी भी पूर्ति होने लगी है. इसी प्रकार नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि "वह दो महीने पहले आकर दर्शन कर चले गए थे, लेकिन उन्हें रात में शनि देवता ने स्वप्न दिया और मंदिर आकर दर्शन करने कहा. स्वप्न में शनि भगवान के आने के बाद वह यहां आए हैं. यहां आने से उनके सारे काम बन जाएंगे. भगवान शनि, शनि राशि के देवता हैं और जिन्हें इस राशि से तकलीफ होती है उसे शनि भगवान हराते है."

चिल्हाटी में शनिदेव का चमत्कारिक मंदिर

बिलासपुर: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के महत्व के विषय में लोग जानते हैं. लेकिन बिलासपुर के चिल्हाटी स्थित शनि मंदिर का स्वरूप भी महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की तरह ही मंदिर का निर्माण कराया गया है. यहां के मंदिर में महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की तरह उसी स्वरूप में प्रतिमा स्थापित है. जो शिंगणापुर में है. जो मात्र एक काले शिला के रूप में स्थापित है. खुले आसमान के नीचे इसकी स्थापना की गई है. यह मंदिर शहर से 10 किलोमीटर दूर है. भक्त यहां दूर दूर से आते हैं. यहां शनिवार सुबह 4 बजे से भगवान शनि की पूजा करने का सिलसिला शुरू होता है जो दोपहर तक चलता है.

काले कपड़े का चढ़ावा और तिल तेल से होती है पूजा: चिल्हाटी (चिल्हटी) का शनि मंदिर अपने आप में शिंगणापुर मंदिर का स्वरूप धारण किये हुए है. इसका महत्व भी लोग वैसे ही मानते हैं. जैसे शिंगणापुर मंदिर का मानते है. भक्त यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले शरीर के पूरे वस्त्र त्यागकर भगवा रंग का कपड़ा धारण कर मंदिर के पीछे बहने वाली नदी में स्नान करते हैं. मंदिर के पास की दुकान से तिल तेल और काला कपड़ा लेकर मंदिर पहुंचते हैं. काला वस्त्र चढ़ाकर भक्त तिल के तेल प्रतिमा में डालकर पूजा करते हैं. इसके बाद दीपक जलाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं. मंदिर पहुंचने वाले इस मंदिर में काफी आस्था रखते है और पूजा कर अपने बिगड़े काम ठीक करने का आशीर्वाद मांगते हैं.

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3 शनिवार पूजा करने से होती है मनोकामना पूरी: चिल्हाटी शनि मंदिर की ख्याति लगातार बढ़ती जा रही है. भक्तों का तांता शनिवार को सुबह से ही लगना शुरू हो जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में 3 शनिवार तिल तेल चढ़ाकर पूजा करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है. मंदिर के पंडित विजय महाराज ने बताया कि "3 शनिवार तिल तेल से अभिषेक कर प्रतिमा में काला कपड़ा बांधने से मनोकामना की पूर्ति होती है. विवाह बाधा, ज्योतिष बाधा, भूत बाधा जैसे कई बाधाओं को यहां तीन शनिवार पूजा करने से दूर किया जा सकता है. इसके अलावा किसी भी शुभ कार्य के लिए पूजा करने पर कार्य करने के दौरान कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती और भक्तों के साथ भगवान शनि हमेशा रहते हैं. उनके कार्य पूरा होने तक भगवान शनि अपनी कृपा बनाए रखते हैं ताकि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो सके."

शनिदेव बनाते हैं बिगड़े काम: भगवान शनि की कृपा जिस पर बनती है. उसका जीवन खुशियों से भर जाता है और उसके जीवन में कोई विपत्ति नहीं आती. बिलासपुर के रहने वाले शनि भक्त लक्ष्मी प्रताप केवट ने बताया कि "जब से यहां आना शुरू किया है तब से उसके सारे बिगड़े काम बनते गए और उसकी जो मनोकामनाएं थी उसकी भी पूर्ति होने लगी है. इसी प्रकार नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि "वह दो महीने पहले आकर दर्शन कर चले गए थे, लेकिन उन्हें रात में शनि देवता ने स्वप्न दिया और मंदिर आकर दर्शन करने कहा. स्वप्न में शनि भगवान के आने के बाद वह यहां आए हैं. यहां आने से उनके सारे काम बन जाएंगे. भगवान शनि, शनि राशि के देवता हैं और जिन्हें इस राशि से तकलीफ होती है उसे शनि भगवान हराते है."

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