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Hindi promotion in Bilaspur रेल जोन में मिलेगा हिंदी को बढ़ावा, SECR ने आम जनता से मंगवाए स्लोगन

राष्ट्र भाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने नई पहल की शुरुआत की है. रेलवे ने आम जनता से सहयोग लेने की मंशा से उनसे हिंदी में स्लोगन मंगाए है. हिंदी का महत्व और उसकी अहमियत को लोगों तक पहुचाने और इसे बढ़ावा देने रेलवे इस पहल में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. हिंदी को बढ़ावा देने और रेलवे का सहयोग करने अब आप भी रेलवे के अभियान में सहयोगी बन सकते है. आप अपने हिंदी के स्लोगन रेलवे को भेजे ताकि वह अपने ट्रेन और कार्यालयों और अन्य रेलवे संस्थानों में इसे लिखवाकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा हिंदी शब्दों का उपयोग करने और हिंदी को बढ़ावा देने प्रयास करे.

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Published : Jan 31, 2023, 8:31 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 11:46 AM IST

Hindi promotion in Bilaspur
रेल जोन में मिलेगा हिंदी को बढ़ावा

बिलासपुर : हिंदी दिवस के अवसर पर देश में हिंदी को बढ़ावा देने कई तरह की मांग उठती है. हिंदी के पक्षधर हिंदी को बढ़ावा देने चीखते चिल्लाते और इसे आगे बढ़ने की मांग करते हैं, लेकिन हिंदी को बढ़ावा देने का प्रयास ना के बराबर किया जाता है. इस बार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने हिंदी को बढ़ावा देने और ज्यादा से ज्यादा हिंदी शब्द बोले जाए इसको लेकर विशेष पहल कर रही है. रेलवे ट्रेनों में और कार्यालयों में हिंदी के स्लोगन लिखकर लोगों को हिंदी के प्रति संदेश देगी. इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने आम जनता से स्लोगन मंगाए है. स्लोगन मिलने के बाद रेलवे इन्हें चयन कर ट्रेनों में और कार्यालयों में लिखेगी ताकि लोग इन स्लोगन का महत्व समझे और हिंदी को इससे बढ़ावा मिल सके.

कहां भेजे स्लोगन : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इस नई पहल के सहयोगी अगर आप बनना चाहते हैं, तो अपने स्लोगन हिंदी में लिखकर और इसका अर्थ लिखकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल कार्यालय बिलासपुर के हिंदी विभाग में भेज सकते हैं. आप खुद सीधे तौर पर यहां पहुंच कर अपने स्लोगन दे सकते हैं, या फिर पोस्टल एड्रेस के माध्यम से अपने नाम, पता के साथ रेलवे के हिंदी विभाग का पता लिखकर भेज सकते हैं. आप रेलवे के हिंदी को बढ़ावा देने के इस अनूठे पहल के सहयोगी बन सकते हैं.

कैसे होंगे स्लोगन सेलेक्ट : हिंदी में स्लोगन और उसके अर्थ को लिफाफे में भेजने के बाद रेलवे इसे रिसीव करेगी और इसकी छटाई होगी. अच्छे स्लोगन सेलेक्ट करने के बाद इन्हें कंप्यूटर में फीड किया जाएगा. रेलवे इन स्लोगन को अपने कार्यालय, ट्रेनों और रेलवे से जुड़े भवनों और अन्य स्थानों पर लिखवाएगी, ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा हिंदी के प्रति रुझान बढ़े. लोग लिखने पढ़ने और बोलने के दौरान हिंदी का उपयोग करें. भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां हिंदी भाषी लोग रहते हैं और हिंदी भाषा चलती है. क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही हिंदी भी बोली जाती है, इसलिए रेलवे ऐसे क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग के लिए आम जनता को प्रोत्साहित कर रही है.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर जोन की दो ट्रेनों का बदला रूट

ख्याति प्राप्त कवियों के स्लोगन भी होंगे शामिल : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने बताया कि ''हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा इसके उपयोग के लिए रेलवे अनूठी पहल कर रही है. देश के ख्याति प्राप्त हिंदी कवियों के स्लोगन भी रेलवे ले रही है, जिससे हिंदी के कवियों के स्लोगन लोग जान सके और उसका अर्थ जाने, साथ ही भारत में कितने महान कवि रहे हैं यह भी लोग जाने. हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा है और इसका उपयोग हर आमजन को करना चाहिए. यह उनका मौलिक कर्तव्य तो है ही साथ ही हिंदी को बढ़ावा देने उनका सहयोग भी माना जाएगा है.''

रेल जोन में मिलेगा हिंदी को बढ़ावा

बिलासपुर : हिंदी दिवस के अवसर पर देश में हिंदी को बढ़ावा देने कई तरह की मांग उठती है. हिंदी के पक्षधर हिंदी को बढ़ावा देने चीखते चिल्लाते और इसे आगे बढ़ने की मांग करते हैं, लेकिन हिंदी को बढ़ावा देने का प्रयास ना के बराबर किया जाता है. इस बार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने हिंदी को बढ़ावा देने और ज्यादा से ज्यादा हिंदी शब्द बोले जाए इसको लेकर विशेष पहल कर रही है. रेलवे ट्रेनों में और कार्यालयों में हिंदी के स्लोगन लिखकर लोगों को हिंदी के प्रति संदेश देगी. इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने आम जनता से स्लोगन मंगाए है. स्लोगन मिलने के बाद रेलवे इन्हें चयन कर ट्रेनों में और कार्यालयों में लिखेगी ताकि लोग इन स्लोगन का महत्व समझे और हिंदी को इससे बढ़ावा मिल सके.

कहां भेजे स्लोगन : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इस नई पहल के सहयोगी अगर आप बनना चाहते हैं, तो अपने स्लोगन हिंदी में लिखकर और इसका अर्थ लिखकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल कार्यालय बिलासपुर के हिंदी विभाग में भेज सकते हैं. आप खुद सीधे तौर पर यहां पहुंच कर अपने स्लोगन दे सकते हैं, या फिर पोस्टल एड्रेस के माध्यम से अपने नाम, पता के साथ रेलवे के हिंदी विभाग का पता लिखकर भेज सकते हैं. आप रेलवे के हिंदी को बढ़ावा देने के इस अनूठे पहल के सहयोगी बन सकते हैं.

कैसे होंगे स्लोगन सेलेक्ट : हिंदी में स्लोगन और उसके अर्थ को लिफाफे में भेजने के बाद रेलवे इसे रिसीव करेगी और इसकी छटाई होगी. अच्छे स्लोगन सेलेक्ट करने के बाद इन्हें कंप्यूटर में फीड किया जाएगा. रेलवे इन स्लोगन को अपने कार्यालय, ट्रेनों और रेलवे से जुड़े भवनों और अन्य स्थानों पर लिखवाएगी, ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा हिंदी के प्रति रुझान बढ़े. लोग लिखने पढ़ने और बोलने के दौरान हिंदी का उपयोग करें. भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां हिंदी भाषी लोग रहते हैं और हिंदी भाषा चलती है. क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही हिंदी भी बोली जाती है, इसलिए रेलवे ऐसे क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग के लिए आम जनता को प्रोत्साहित कर रही है.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर जोन की दो ट्रेनों का बदला रूट

ख्याति प्राप्त कवियों के स्लोगन भी होंगे शामिल : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने बताया कि ''हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा इसके उपयोग के लिए रेलवे अनूठी पहल कर रही है. देश के ख्याति प्राप्त हिंदी कवियों के स्लोगन भी रेलवे ले रही है, जिससे हिंदी के कवियों के स्लोगन लोग जान सके और उसका अर्थ जाने, साथ ही भारत में कितने महान कवि रहे हैं यह भी लोग जाने. हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा है और इसका उपयोग हर आमजन को करना चाहिए. यह उनका मौलिक कर्तव्य तो है ही साथ ही हिंदी को बढ़ावा देने उनका सहयोग भी माना जाएगा है.''

Last Updated : Feb 1, 2023, 11:46 AM IST
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