बिलासपुर: जेसीसी(जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के जाति मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. ऋचा जोगी की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को चार हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि, मरवाही उपचुनाव के दौरान संत कुमार नेताम की शिकायत पर ऋचा जोगी के जाती प्रमाण पत्र को मुंगेली की जिला स्तरीय छानबीन समिति ने रद्द कर दिया था. जिसके खिलाफ ऋचा जोगी ने अब हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर की है. ऋचा जोगी ने याचिका में जाति संबंधी अधिनियम में संशोधन समेत जाति प्रमाण पत्र के निलंबन को चुनौती दी है. ऋचा जोगी ने इस पूरे मामले को राज्य प्रायोजित बताते हुए हाईकोर्ट से कार्रवाई की मांग की है.
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बुधवार को मामले में संत कुमार नेताम समेत समीरा पैकरा ने खुद को पक्षकार बनाने के लिए याचिका दायर की है. संत कुमार नेताम की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट में कहा कि नेताम इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता रहे हैं और उनकी शिकायत पर ही ऋचा जोगी का जाती प्रमाण पत्र रद्द किया गया है. इसलिए उन्हें पक्षकार बनाया जाए.
पैसेंजर ट्रेन मामले में भी हुई सुनवाई
बुधवार को ही रेलवे द्वारा पैसेंजर ट्रेन छत्तीसगढ़ में ना चलाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने रेलवे को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है. याचिकाकर्ता सुदीप श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में कहा है कि रेलवे, कोरोना के नाम पर यात्री ट्रेनों को छत्तीसगढ़ में नहीं चला रहा है. जबकि बिहार और बंगाल में पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही है.
रेलवे पर गंभीर आरोप
अपनी याचिका में उन्होंने रेलवे पर आरोप लगाया है कि बंगाल में चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार की शह पर यह फैसला लिया गया है. ऐसा ही फैसला रेलवे द्वारा तब भी लिया गया गया था जब बिहार में चुनाव होने वाले थे. उन्होंने लगभग डेढ़ से दोगुना रुपये यात्रियों से लेने का भी आरोप रेलवे पर लगाया है.