बिलासपुर: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कराए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. चाइल्ड केयर फेसिलिटी और प्रदेश के न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा को लेकर हाईकोर्ट में दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
मामले की पिछली सुनवाई जुलाई में हुई थी. तब हाईकोर्ट ने राज्य शासन को 4 हफ्ते में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा था. बता दें की जांजगीर-चांपा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संतरा काठे और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि नाबालिगों के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामलों की विवेचना और सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. पहला सभी जिला मुख्यालय में विशेष जुवेनाइल पुलिस यूनिट का गठन और दूसरा नाबालिग पीड़ितों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही ट्रायल के दौरान बयान लेने के निर्देश हैं.
हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
मामले में शासन कि ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया है. जिसके बाद चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.