बिलासपुर : हाईकोर्ट ने प्रदेश में यातायात को लेकर चिंता जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में जितने भी बड़े शहर हैं वहां यातायात व्यवस्था का रोड मैप तैयार करें. साथ ही बिलासपुर में ट्रैफिक कंजक्शन का रोड मैप बनाएं . हो सके तो फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस के लिए अलग से व्यवस्था करें ताकि वह सिग्नल से जल्दी निकल जाए. कोर्ट ने वीआईपी मूवमेंट में पब्लिक को तकलीफ ना हो इसके लिए सिग्नल फ्री करने को कहा है ताकि पब्लिक को परेशानी ना हो.
क्यों हाईकोर्ट यातायात व्यवस्था को लेकर हुई सख्त : आपको बता दें कि कुछ दिन पहले बिलासपुर नेहरू चौक एंबुलेंस पलट गई थी. जिसमें एंबुलेंस के ड्राइवर का सिर फट गया था और अंदर बैठे मरीज को भी चोट आई थी.इस खबर को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था.जिस पर संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डबल बेंच ने मामले में प्रदेश के डीजीपी, बिलासपुर कलेक्टर और यातायात एसपी बिलासपुर को नोटिस जारी किया है.
अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से देना होगा शपथ पत्र : हाईकोर्ट ने अधिकारियों को व्यक्तिगतरूप से एफिडेविट देने के लिए निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सुझाव दिया है कि वीआईपी मूवमेंट पर पब्लिक को परेशानी ना हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए.साथ ही एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को ट्रैफिक से निकलने के लिए इंतजाम बनाने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के सभी बड़े शहर बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, जगदलपुर, अंबिकापुर सहित अन्य बड़े शहरों का रोड मैप तैयार किया जाए. रोड मैप तैयार करने के बाद फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को आसानी से निकालने की व्यवस्था बने.
जितने संसाधन उसमें ज्यादा बेहतर हो प्लान : हाईकोर्ट ने कहा कि जिस शहर में जितना साधन है, उसी में ज्यादा बेहतर करने के साथ ही आम जनता को राहत पहुंचाने और बिना जाम में फंसे उन्हें आने-जाने की बेहतर व्यवस्था देने पर काम किया जाए. बिलासपुर सहित अन्य बड़े शहरों में यातायात की अव्यवस्था से आम जनता परेशान है. कहीं भी यातायात को लेकर सही व्यवस्था नहीं बनाई गई है. इसका जिम्मेदार यातायात विभाग है. यातायात को सही कैसे किया जाए यह सुझाव भी कोर्ट ने मांगा है.