बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष को हटाए जाने मामले में स्टे लगाया है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जीएडी का आदेश पूरी तरह अवैधानिक है. कोर्ट के मुताबिक मनमाना अर्थ लगाकर छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की नियुक्ति को मनमाने तरीके से रद्द नहीं किया जा सकता. कोर्ट के स्टे के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीस गांधी अपने पद पर बने रहेंगे. जस्टिस एन के चन्द्रवंशी की बेंच ने आदेश जारी किया है.
हाई कोर्ट ने शासन को लगाई फटकार: स्टे देने के साथ ही बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले में राज्य शासन को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि तीन साल के पहले अध्यक्ष को नहीं हटाया जा सकता . याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि क्लॉज 7 और 9 के तहत वैधानिक प्रावधान है, जिसके तहत तीन वर्ष के पूर्व पद से नहीं हटा सकते हैं. दरअसल बीजेपी के सत्ता में आने के बाद मंडल आयोग और अन्य मनोनीत पदों पर बैठे लोगों ने अपना इस्तीफा दे दिया. जो इस्तीफा नहीं दिए हैं उनको हटाया जा रहा है.
क्यों इदरीश गांधी को हटाया गया: पिछले दिनों राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीश गांधी को उनके पद से हटा दिया गया था, जिसको लेकर वे पिछले दिनों छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने पक्ष देखते हुए मामले में सोमवार को फैसला सुनाया. कोर्ट का कहना है कि राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष को बिना कारण के उनके पद की अवधी पूर्ण होने से पहले हटाया जाना पूर्णता अवैधानिक है. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीश गांधी अपने पद पर बने रहेंगे.