बिलासपुर: एमबीबीएस के बाद छत्तीसगढ़ में पीजी कोर्स के लिए एडमिशन को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. साथ ही सरकार को मामले में नए नोटिफिकेशन के आधार पर छात्रों को नंबर देकर एडमिशन देने का निर्देश जारी किया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने के बदले पीजी कोर्स में एडमिशन के समय 10 फीसदी बोनस अंक देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर दी गई थी. जिसपर शनिवार को सुनवाई हुई.
एडमिशन के वक्त 10 फीसदी बोनस
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एमबीबीएस के बाद राज्य के ग्रामीण इलाकों में सेवा दे रहे डॉक्टरों को पीजी कोर्स में एडमिशन के समय बोनस अंक दिया जाना अनिवार्य है. ग्रामीण इलाकों में सेवा देने वाले ऐसे डॉक्टरों को हर साल के हिसाब से 10 फीसदी बोनस अंक एडमिशन के वक्त मिलते हैं. तीन साल तक की सेवा के हिसाब से ये अंक दिए जाते हैं. यानी अधिकतम 30 फीसदी तक बोनस अंक छात्रों को मिलते हैं.
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छत्तीसगढ़ राज्य सरकार यह लाभ छात्रों को दिए बिना ही पीजी कोर्स में एडमिशन दे रही थी. जिसपर पिछले साल भी याचिका दायर की गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने पिछले सत्र में भर्तियां पूरी होने और नये सत्र से नियम लागू करने की बात कही थी, लेकिन इस साल भी नियम लागू किए बिना ही भर्ती किए जाने पर हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर की गई थी. जिसपर हाइकोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई.
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दोबारा भर्ती के आदेश
इस साल भी नियम लागू किए बिना ही भर्ती की गई है. जिसके बाद हाईकोर्ट में फिर से याचिका लगाई गई. जिसपर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया और नए नियम के मुताबिक राज्य सरकार को फिर से भर्ती करने का आदेश दिया है.