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पुलिसकर्मियों की सैलरी कटौती के खिलाफ हाईकोर्ट ने शासन को जारी किया नोटिस - आरक्षक उज्ज्वल धर दीवान

पुलिसकर्मियों के सैलेरी अकांउट से अलग-अलग निधि के नाम पर हर साल पैसे काटे जा रहे हैं. आरक्षक उज्ज्वल धर दीवान और प्रदीप दिवाकर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

High court notice to the government on the salary cut of policemen
हाईकोर्ट
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Published : Oct 16, 2020, 10:25 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की तरफ से बिना सहमति के सभी पुलिसकर्मियों के सैलेरी अकांउट से अलग-अलग निधि के नाम पर हर साल पैसे काटे जा रहे हैं. इसके खिलाफ बिलासपुर में पदस्थ आरक्षक उज्ज्वल धर दीवान और प्रदीप दिवाकर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिका में कहा गया कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने निर्धारित और गैर शासकीय निधि के नाम पर हर पुलिसकर्मी के खाते से हर जिले में अलग-अलग दर पर पैसे कांटे जा रहे है. पांच साल की नौकरी वाले पुलिसकर्मियों से 600 रुपये तो दस साल की सर्विस वालों से 1600 रुपये काटा गया, जो अनुचित है.

पढ़ें : मरवाही से कांग्रेस उम्मीदवार केके ध्रुव ने भरा पर्चा, सीएम बोले- स्क्रूटनी के बाद तय होगा कितने कोणीय है मुकाबला ?

एक महीने बाद दोबारा सुनवाई

प्रदेश में हजारो की संख्या में पुलिसकर्मी के खाते से अलग-अलग निधि के नाम पर पैसे काटे जा रहे हैं. यानी हर साल 4600 रुपये तक कटौती की जा रही है. हाईकोर्ट से इस कटौती पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में अब एक महीने बाद दोबारा सुनवाई होगी.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की तरफ से बिना सहमति के सभी पुलिसकर्मियों के सैलेरी अकांउट से अलग-अलग निधि के नाम पर हर साल पैसे काटे जा रहे हैं. इसके खिलाफ बिलासपुर में पदस्थ आरक्षक उज्ज्वल धर दीवान और प्रदीप दिवाकर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिका में कहा गया कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने निर्धारित और गैर शासकीय निधि के नाम पर हर पुलिसकर्मी के खाते से हर जिले में अलग-अलग दर पर पैसे कांटे जा रहे है. पांच साल की नौकरी वाले पुलिसकर्मियों से 600 रुपये तो दस साल की सर्विस वालों से 1600 रुपये काटा गया, जो अनुचित है.

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एक महीने बाद दोबारा सुनवाई

प्रदेश में हजारो की संख्या में पुलिसकर्मी के खाते से अलग-अलग निधि के नाम पर पैसे काटे जा रहे हैं. यानी हर साल 4600 रुपये तक कटौती की जा रही है. हाईकोर्ट से इस कटौती पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में अब एक महीने बाद दोबारा सुनवाई होगी.

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