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अवमानना मामले में सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर को हाईकोर्ट का नोटिस - बिलासपुर न्यूज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने एक अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है.

High court notice to Chief Engineer
चीफ इंजीनियर को हाईकोर्ट का नोटिस
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Published : Feb 9, 2021, 4:27 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अवमानना मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है. इसके जरिए उनसे जवाब मांगा गया है. मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.

क्या की पूरा प्रकरण?

सिंचाई विभाग खैरागढ़ में दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत दुधारू राम और अन्य ने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने नियमितीकरण की मांग की थी. प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के मामले पर 90 दिनों के भीतर विचार कर निराकरण के आदेश जारी किए थे. अदालत के आदेश के बावजूद निर्धारित समय पर मामले का निराकरण नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य पक्षकारों से जवाब तलब किया है.

पढ़ें: अवमानना याचिका में फंसे निगम कमिश्नर, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

अवमानना के अन्य मामलों पर एक नजर

हाल के दिनों में 2 अन्य अवमानना प्रकरण पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी. 1 फरवरी को जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने दैनिक वेतनभोगीकर्मियों को नियमित नहीं किए जाने को लेकर सुनवाई के बाद नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

7 फरवरी को हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद अवैध कब्जा नहीं हटाने पर कलेक्टर और एसडीएम सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. बता दें कि मस्तूरी बालक शाला के सामने और आस-पास के इलाके में बेतरतीब तरीके से अवैध कब्जा कर दुकान और मकान बनाए गए हैं. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अवमानना मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है. इसके जरिए उनसे जवाब मांगा गया है. मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.

क्या की पूरा प्रकरण?

सिंचाई विभाग खैरागढ़ में दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत दुधारू राम और अन्य ने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने नियमितीकरण की मांग की थी. प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के मामले पर 90 दिनों के भीतर विचार कर निराकरण के आदेश जारी किए थे. अदालत के आदेश के बावजूद निर्धारित समय पर मामले का निराकरण नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य पक्षकारों से जवाब तलब किया है.

पढ़ें: अवमानना याचिका में फंसे निगम कमिश्नर, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

अवमानना के अन्य मामलों पर एक नजर

हाल के दिनों में 2 अन्य अवमानना प्रकरण पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी. 1 फरवरी को जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने दैनिक वेतनभोगीकर्मियों को नियमित नहीं किए जाने को लेकर सुनवाई के बाद नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

7 फरवरी को हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद अवैध कब्जा नहीं हटाने पर कलेक्टर और एसडीएम सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. बता दें कि मस्तूरी बालक शाला के सामने और आस-पास के इलाके में बेतरतीब तरीके से अवैध कब्जा कर दुकान और मकान बनाए गए हैं. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी.

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