ETV Bharat / state

बिलासपुर: समाचार पत्र के संपादक सुशील शर्मा पर FIR पर रोक, HC ने किरणमयी नायक को किया जवाब तलब

समाचार पत्र के संपादक के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. अनुराधा दुबे ने समाचार पत्र के संपादक सुशील शर्मा के खिलाफ महिला आयोग में लिखित शिकायत की थी, जिसके बाद महिला आयोग ने FIR के आदेश दिए थे.

high-court-imposes-ban-on-fir-issued-by-women-commission-against-newspaper-editor
समाचार पत्र के संपादक के खिलाफ महिला आयोग ने FIR के दिए आदेश
author img

By

Published : Dec 17, 2020, 6:09 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ महिला आयोग की तरफ से समाचार पत्र के संपादक के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. अदालत ने माना है कि आयोग सिर्फ अनुशंसा कर सकता है. सीधी कार्रवाई का आदेश नहीं दे सकता. आदेश पर रोक लगवाने याचिकाकर्ता ने एडवोकेट अवध त्रिपाठी के जरिये पिटीशन दायर की थी.

राज्य शासन के अंतर्गत पर्यटन विभाग में नियुक्त जनसंपर्क अधिकारी अनुराधा दुबे की नियुक्ति को लेकर समाचार पत्र ने एक खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि दुबे को 2012 में बिना किसी योग्यता के पर्यटन विभाग में अधिकारी नियुक्त कर दिया गया था. निजी स्कूल से इन्हें सीधे प्रतिनियुक्ति दी गई थी. बाद में भाजपा शासन काल में ही इन्हें शिकायत मिलने पर हटा दिया गया था.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ सरकार पर धरमलाल कौशिक का हमला, कहा-राज्य में माफिया का बोलबाला

संपादक सुशील शर्मा के खिलाफ शिकायत

वर्तमान सरकार ने कैबिनेट में विशेष प्रस्ताव लाकर इन्हें योग्यता न होने के बाद भी निजी संगीत स्कूल से पर्यटन विभाग में ही जनसंपर्क अधिकारी बना दिया. इसी समाचार से दुखी होकर अनुराधा दुबे ने समाचार पत्र के संपादक सुशील शर्मा के खिलाफ महिला आयोग में लिखित शिकायत कर दी. आयोग ने एक कदम आगे बढ़कर शर्मा के खिलाफ पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया.

पढ़ें: सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को छत्तीसगढ़ की महिलाओं की ये बातें सुननी चाहिए

महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक से जवाब तलब

आदेश पर रोक लगवाने याचिकाकर्ता ने एडवोकेट अवध त्रिपाठी के जरिये पिटीशन दायर की. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद महिला आयोग के आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. अदालत ने माना कि महिला आयोग को सिर्फ अनुशंसा करने का अधिकार है. वह सीधे कार्रवाई करने के लिए आदेश नहीं दे सकता. जस्टिस भादुड़ी ने महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक से जवाब तलब भी किया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ महिला आयोग की तरफ से समाचार पत्र के संपादक के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. अदालत ने माना है कि आयोग सिर्फ अनुशंसा कर सकता है. सीधी कार्रवाई का आदेश नहीं दे सकता. आदेश पर रोक लगवाने याचिकाकर्ता ने एडवोकेट अवध त्रिपाठी के जरिये पिटीशन दायर की थी.

राज्य शासन के अंतर्गत पर्यटन विभाग में नियुक्त जनसंपर्क अधिकारी अनुराधा दुबे की नियुक्ति को लेकर समाचार पत्र ने एक खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि दुबे को 2012 में बिना किसी योग्यता के पर्यटन विभाग में अधिकारी नियुक्त कर दिया गया था. निजी स्कूल से इन्हें सीधे प्रतिनियुक्ति दी गई थी. बाद में भाजपा शासन काल में ही इन्हें शिकायत मिलने पर हटा दिया गया था.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ सरकार पर धरमलाल कौशिक का हमला, कहा-राज्य में माफिया का बोलबाला

संपादक सुशील शर्मा के खिलाफ शिकायत

वर्तमान सरकार ने कैबिनेट में विशेष प्रस्ताव लाकर इन्हें योग्यता न होने के बाद भी निजी संगीत स्कूल से पर्यटन विभाग में ही जनसंपर्क अधिकारी बना दिया. इसी समाचार से दुखी होकर अनुराधा दुबे ने समाचार पत्र के संपादक सुशील शर्मा के खिलाफ महिला आयोग में लिखित शिकायत कर दी. आयोग ने एक कदम आगे बढ़कर शर्मा के खिलाफ पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया.

पढ़ें: सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को छत्तीसगढ़ की महिलाओं की ये बातें सुननी चाहिए

महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक से जवाब तलब

आदेश पर रोक लगवाने याचिकाकर्ता ने एडवोकेट अवध त्रिपाठी के जरिये पिटीशन दायर की. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद महिला आयोग के आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. अदालत ने माना कि महिला आयोग को सिर्फ अनुशंसा करने का अधिकार है. वह सीधे कार्रवाई करने के लिए आदेश नहीं दे सकता. जस्टिस भादुड़ी ने महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक से जवाब तलब भी किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.