बिलासपुर: चकरभाटा से हवाई सुविधा शुरू करने को लेकर दायर संशोधित जनहित याचिका को गुरुवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के बनाए गए सभी 5 प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता के नए संशोधित जनहित याचिका में 4C कैटेगरी की मांग को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. याचिकाकर्ता कमल दुबे ने मामले में निराकृत याचिका पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
याचिका पुनर्जीवित
पत्रकार कमल दुबे ने बिलासपुर में हवाई सेवा शुरू करने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर लंबी सुनवाई चली. उड़ान शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी होने की जानकारी के बाद 10 दिसंबर 2018 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था, लेकिन लम्बा वक्त बीत जाने के बावजूद भी हवाई सेवा शुरू न होने के बाद पत्रकार कमल दुबे ने मामले पर जनहित याचिका को पुनर्जीवित करने की मांग की थी, जिसे न्यायालय ने पिछले दिनों स्वीकार कर लिया. पुनर्विचार याचिका स्वीकार करने के बाद पहले की निराकृत की हुई जनहित याचिका फिर से जीवंत हो गई. जीवंत हुई जनहित याचिका के संबंध में कोर्ट ने याचिकाकर्ता कमल दुबे से कहा था कि यदि वे अपने याचिका में संशोधन करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं. मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
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क्यों लगाई याचिका
अथॉरिटी ने चकरभाठा एयरपोर्ट के लिए जो लाइसेंस जारी किया है, उससे 20 सीटर विमान ही उड़ान भर सकता है. एसोसिएशन ने बताया कि पूर्व में राज्य शासन ने एयर ओडिशा से जो अनुबंध किया वह एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया है. ऐसे में चकरभाटा से 20 सीटर विमान उड़ाने के लिए कोई भी निजी कंपनी तैयार नहीं है. चकरभाठा से डोमेस्टिक उड़ान की मांग करते हुए जनहित याचिका को पुनर्जीवित करने की मांग की गई थी.