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लोन की धोखाधड़ी में फंसे वकील को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत - लोन का मामला

अधिवक्ता ने अपने उपर दर्ज किए गए मामले पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है.

High court acquitted advocate in land case in bilaspur
बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Dec 7, 2019, 3:27 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 5:04 PM IST

बिलासपुर: जमीन को लेकर दर्ज कराए गए मामले को चुनौती देते हुए अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस के सिंगल बेंच ने अधिवक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अधिवक्ता शोभा जकरवार को दोषमुक्त करार दिया है.

बिलासपुर हाईकोर्ट

अधिवक्ता ने सत्यापित किये थे जमीन के कागजात

जानकारी के मुताबिक एक बैंक में कई किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए अपने जमीनों को मोडगेज कराकर लोन के लिए अप्लाई किया था. किसानों के जमीन के कागजातों को अधिवक्ता ने सत्यापित कर दिया. जिससे किसानों को लोन मिल गया. एक दो किश्त पटाने के बाद किसानों ने लोन पटाना बंद कर दिया. बैंक ने किसानों की जमीन की मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि किसी की जमीन कम है तो किसी की है ही नहीं. इसको लेकर बैंक ने किसानों के पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही अधिवक्ता को भी इस धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उसके उपर भी मामला दर्ज करा दिया. जिसको लेकर अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.

पूरा मामला देना बैंक के दुर्ग जिले के पुलगांव ब्रांच का है. हाईकोर्ट ने इस मामले में वकील शोभा जकरवार को राहत देते हुए उसे आरोप से बरी कर दिया है.

बिलासपुर: जमीन को लेकर दर्ज कराए गए मामले को चुनौती देते हुए अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस के सिंगल बेंच ने अधिवक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अधिवक्ता शोभा जकरवार को दोषमुक्त करार दिया है.

बिलासपुर हाईकोर्ट

अधिवक्ता ने सत्यापित किये थे जमीन के कागजात

जानकारी के मुताबिक एक बैंक में कई किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए अपने जमीनों को मोडगेज कराकर लोन के लिए अप्लाई किया था. किसानों के जमीन के कागजातों को अधिवक्ता ने सत्यापित कर दिया. जिससे किसानों को लोन मिल गया. एक दो किश्त पटाने के बाद किसानों ने लोन पटाना बंद कर दिया. बैंक ने किसानों की जमीन की मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि किसी की जमीन कम है तो किसी की है ही नहीं. इसको लेकर बैंक ने किसानों के पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही अधिवक्ता को भी इस धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उसके उपर भी मामला दर्ज करा दिया. जिसको लेकर अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.

पूरा मामला देना बैंक के दुर्ग जिले के पुलगांव ब्रांच का है. हाईकोर्ट ने इस मामले में वकील शोभा जकरवार को राहत देते हुए उसे आरोप से बरी कर दिया है.

Intro:अधिवक्ता ने अपने ऊपर दर्ज कराए गए मामले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। हाईकोर्ट जस्टिस के सिंगल बेंच ने अधिवक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अधिवक्ता शोभा जकरवार को दोषमुक्त करार दिया है। Body:दरअसल देना बैंक में कई किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अपने जमीनों को मोडगेज कराकर लोन के लिए अप्लाई किया। किसानों के जमीन के कागजातों को अधिवक्ता ने सत्यापित कर दिया ।, जिससे किसानों को लोन मिल गया। एक दो किश्त पटाने के बाद किसानों ने लोन पटाना बंद कर दिया। बैंक ने किसानों की जमीन की मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि किसी की जमीन कम है तो किसी की है ही नही। इसको लेकर बैंक ने किसानों के ऊपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया साथ ही अधिवक्ता को भी इस धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उसके ऊपर भी मामला दर्ज करा दिया। जिसको लेकर अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।Conclusion:पूरा मामला देना बैंक के दुर्ग जिले के पुलगांव ब्रांच का हैं।पूरे मामले पर सुनवाई जस्टिस संजय. के. अग्रवाल की एकलपीठ द्वारा की गई
Last Updated : Dec 7, 2019, 5:04 PM IST
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