बिलासपुर : नई पेंशन नीति 2004 लागू होने से पहले शासकीय सेवा कर रहे शिक्षकों के वेतन से नई पेंशन नीति के तहत कटौती किेए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने शासन को इनके अभ्यावेदन को निराकृत करने का आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता ललित कुमार बघेल और अन्य की 1998 में शिक्षाकर्मी के पद में नियुक्ति हुई है. शासन के नियमानुसार सभी का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया. कांकेर जिला शिक्षा अधिकारी और अंतागढ़ जनपद पंचायत के सीईओ पर इनके वेतन से राष्ट्रीय पेंशन योजना 2004 के तहत मनमानी कटौती करने का आरोप है.
जिनके खिलाफ अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कहा गया कि 1 जनवरी 2004 से नई राष्ट्रीय पेंशन स्कीम लागू हुआ है. इसके तहत इस स्कीम के लागू होने के बाद शासकीय सेवा में आने वाले कर्मचारियों के वेतन से पेंशन कटौती किया जाना है.
'नहीं ली गई सहमति'
वकील का कहना है कि 'याचिकाकर्ता की नई पेंशन योजना लागू होने से पहले की नियुक्ति होने की वजह से पुरानी नीति के अनुसार पेंशन और अन्य उपादान प्राप्त करने के हकदार हैं. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं से कटौती की सहमति भी नहीं ली गई है'.
नियमानुसार फैसला लेने का आदेश
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अभ्यावेदन देने और शासन को इस पर तय समय में नियमानुसार निर्णय लेने का आदेश दिया है.