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जाति प्रमाण पत्र मामले में लोक शिक्षण संचालनालय को HC का नोटिस

तहसीलदार द्वारा अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को अमान्य करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अंग्रेजी शिक्षक का एक पद रिक्त करने का आदेश भी सुनाया है.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट
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Published : Sep 4, 2021, 10:31 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 10:52 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में ज्योति रॉय के जाति प्रमाण पत्र मामले में लगी याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई में ज्योति रॉय ने वकील अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा है कि व्यावसायिक शिक्षा मंडल के माध्यम से शिक्षक अंग्रेजी के पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. विज्ञापन में दी गई क्वालिफिकेशन के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग से आवेदन पत्र जमा किया था. भर्ती प्रक्रिया के बाद तय मापदंड के आधार पर चयन प्रक्रिया प्रारंभ की गई. इसमें उसे चयन कर लिया गया.

आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति केस में राज्य और पक्षकारों को HC का नोटिस

चयन के बाद विभाग ने दस्तावेज पेश करने कहा और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया. दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान प्रमाण पत्र को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उनकी जाति प्रमाण पत्र एसडीएम ने सत्यापित नहीं किया है. विभागीय कार्रवाई और निर्णय के खिलाफ ज्योति राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी और बताया कि शिक्षक भर्ती के लिए विभाग के जारी विज्ञापन में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को मान्य करने की शर्त रखी गई थी.

याचिकाकर्ता ने वर्ष 1997 में जाति प्रमाण पत्र (caste certificate) जारी करने की व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य शासन ने जो व्यवस्था तय की थी उसके अनुसार अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार द्वारा जारी किया जाता था. उस दौरान राज्य शासन के परिपत्र के अनुसार नायब तहसीलदार, सक्षम अधिकारी हुआ करते थे और उनको जाति प्रमाण पत्र जारी करने अधिकृत किया गया था. शासन की व्यवस्था के अनुसार ही उनका जाति प्रमाण पत्र बना है. इसलिए इसे अपात्र नहीं किया जा सकता. याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने संचालक लोक शिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है. इसके साथ ही अंग्रेजी शिक्षक का एक पद रिक्त रखने का निर्देश दिया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में ज्योति रॉय के जाति प्रमाण पत्र मामले में लगी याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई में ज्योति रॉय ने वकील अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा है कि व्यावसायिक शिक्षा मंडल के माध्यम से शिक्षक अंग्रेजी के पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. विज्ञापन में दी गई क्वालिफिकेशन के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग से आवेदन पत्र जमा किया था. भर्ती प्रक्रिया के बाद तय मापदंड के आधार पर चयन प्रक्रिया प्रारंभ की गई. इसमें उसे चयन कर लिया गया.

आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति केस में राज्य और पक्षकारों को HC का नोटिस

चयन के बाद विभाग ने दस्तावेज पेश करने कहा और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया. दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान प्रमाण पत्र को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उनकी जाति प्रमाण पत्र एसडीएम ने सत्यापित नहीं किया है. विभागीय कार्रवाई और निर्णय के खिलाफ ज्योति राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी और बताया कि शिक्षक भर्ती के लिए विभाग के जारी विज्ञापन में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को मान्य करने की शर्त रखी गई थी.

याचिकाकर्ता ने वर्ष 1997 में जाति प्रमाण पत्र (caste certificate) जारी करने की व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य शासन ने जो व्यवस्था तय की थी उसके अनुसार अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार द्वारा जारी किया जाता था. उस दौरान राज्य शासन के परिपत्र के अनुसार नायब तहसीलदार, सक्षम अधिकारी हुआ करते थे और उनको जाति प्रमाण पत्र जारी करने अधिकृत किया गया था. शासन की व्यवस्था के अनुसार ही उनका जाति प्रमाण पत्र बना है. इसलिए इसे अपात्र नहीं किया जा सकता. याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने संचालक लोक शिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है. इसके साथ ही अंग्रेजी शिक्षक का एक पद रिक्त रखने का निर्देश दिया है.

Last Updated : Sep 4, 2021, 10:52 PM IST
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