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बिलासपुर: हाईकोर्ट ने सिविल न्यायालय के फैसले पर आगामी सुनवाई तक लगाई रोक - Chhattisgarh highcourt letest news

लघु वनोपज संघ के साथ निविदा छोड़ने के मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने अंबिकापुर सिविल न्यायालय के फैसले पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है.

Small Forest Produce Association Case
निविदा छोड़ने का मामला
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Published : Sep 3, 2020, 10:46 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लघु वनोपज संघ की अपील पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए सिविल न्यायालय के फैसले पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. जस्टिस श्रीवास्तव और जस्टिस विमल कपूर की डिवीजन बेंच ने मामले में नोटिस जारी कर प्रोड्यूसिंग कंपनी से जवाब तलब किया है.

बता दें, लघु वनोपज संघ ने खरीदे गए साल बीज की बिक्री के लिए साल 2009 में टेंडर आमंत्रित किया था. इसके लिए अन्य कंपनियों के साथ प्रोड्यूसिंग नामक कंपनी ने भी अपनी निविदा जमा की थी. निविदा प्रोड्यूसिंग कंपनी को मिलने पर उसने पहले साल 2 साल के बीच की खरीदी की, लेकिन बाद में कंपनी ने अपनी निविदा छोड़ दी.

सिविल न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में दिया था फैसला

इस पर लघु वनोपज संघ ने कंपनी की जमा सुरक्षा निधि जब्त कर ली है. लघु वनोपज समिति के इस निर्णय को कंपनी ने अंबिकापुर के सिविल न्यायालय में चुनौती दी थी. प्रकरण की सुनवाई के बाद सिविल न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में फैसला दिया था. सिविल न्यायालय के फैसले के खिलाफ लघु वनोपज संघ ने हाईकोर्ट के सामने अपील दायर की थी.

सुरक्षा निधि को जब्त करना अधिकार क्षेत्र में

केस की सुनवाई के दौरान लघु वनोपज संघ की ओर से कहा गया कि यह नियम है कि टेंडर जमा करते समय कंपनियों को सुरक्षा निधि जमा करनी होती है और अगर भविष्य में कंपनी निविदा छोड़ भी देती है, तो उनकी सुरक्षा निधि को जब्त करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है.

हाईकोर्ट ने प्रोड्यूसिंग कंपनी से मांगा जवाब

केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिविल न्यायालय के फैसले पर प्रकरण की आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. साथ ही प्रोड्यूसिंग कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लघु वनोपज संघ की अपील पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए सिविल न्यायालय के फैसले पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. जस्टिस श्रीवास्तव और जस्टिस विमल कपूर की डिवीजन बेंच ने मामले में नोटिस जारी कर प्रोड्यूसिंग कंपनी से जवाब तलब किया है.

बता दें, लघु वनोपज संघ ने खरीदे गए साल बीज की बिक्री के लिए साल 2009 में टेंडर आमंत्रित किया था. इसके लिए अन्य कंपनियों के साथ प्रोड्यूसिंग नामक कंपनी ने भी अपनी निविदा जमा की थी. निविदा प्रोड्यूसिंग कंपनी को मिलने पर उसने पहले साल 2 साल के बीच की खरीदी की, लेकिन बाद में कंपनी ने अपनी निविदा छोड़ दी.

सिविल न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में दिया था फैसला

इस पर लघु वनोपज संघ ने कंपनी की जमा सुरक्षा निधि जब्त कर ली है. लघु वनोपज समिति के इस निर्णय को कंपनी ने अंबिकापुर के सिविल न्यायालय में चुनौती दी थी. प्रकरण की सुनवाई के बाद सिविल न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में फैसला दिया था. सिविल न्यायालय के फैसले के खिलाफ लघु वनोपज संघ ने हाईकोर्ट के सामने अपील दायर की थी.

सुरक्षा निधि को जब्त करना अधिकार क्षेत्र में

केस की सुनवाई के दौरान लघु वनोपज संघ की ओर से कहा गया कि यह नियम है कि टेंडर जमा करते समय कंपनियों को सुरक्षा निधि जमा करनी होती है और अगर भविष्य में कंपनी निविदा छोड़ भी देती है, तो उनकी सुरक्षा निधि को जब्त करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है.

हाईकोर्ट ने प्रोड्यूसिंग कंपनी से मांगा जवाब

केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिविल न्यायालय के फैसले पर प्रकरण की आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. साथ ही प्रोड्यूसिंग कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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