बिलासपुर: राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट को लेकर दायर हुई जनहित याचिका पर बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अजित डेगवेकर की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.
याचिका में कहा गया है कि, प्रोजेक्ट के नाम पर बिना टेंडर जारी किए काम चल रहा है और साथ ही प्रोजेक्ट के कार्य को कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन के नियम के तहत रात में काम पर प्रतिबंध होने के बावजूद रात को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया जा रहा है.
'गैरकानूनी पाया गया काम तो होगी उचित कार्रवाई'
हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि अगर निर्माण कार्य में कुछ भी गैरकानूनी पाया गया तो हम उचित कार्रवाई करेंगे. केस में कोर्ट ने फिलहाल स्टे देने से इंकार कर दिया है. केस की अगली सुनवाई 22 जून को होगी.
जलकुंभी हटाने के लिए शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
बता दें कि रायपुर के बूढ़ातालाब में सौंदर्यीकरण का कार्य हो रहा है. कुछ दिनों पहले जलकुंभी हटाने के नाम पर शुरू हुआ प्रोजेक्ट अचानक सौंदर्यीकरण में बदल गया. बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के नाम पर बूढ़ातालाब से लगे ऐतिहासिक माधवराव सप्रे स्कूल और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदानों को छोटा किया जा रहा है.
स्थानीय लोग कर चुके हैं विरोध
प्रशासन के इस प्रोजेक्ट का विरोध इलाके के स्थानीय लोगों की ओर से लगातार किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रोजेक्ट के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है. साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि अगर यह प्रोजेक्ट नहीं रुका तो लोग उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले पर सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू कि डिवीजन बेंच कर रही है.