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आर्य मंदिर में शादी से जुड़ी नियमावली बनाने पर HC में हुई सुनवाई - सुनवाई की तारीख बढ़ी

छत्तीसगढ़ में आर्य समाज के मंदिरों में शादी करने को लेकर कोई नियमावली नहीं बनाई गई है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई की 4 हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दी गई है.

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छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 14, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 11:17 PM IST

बिलासपुर: आर्य समाज में शादी के लिए नियम बनाए जाने को लेकर लगी जनहित याचिका पर मंगलवार उच्च न्यायालय ने सुनवाई की है. इस मामले में सुनवाई के बाद शासन की ओर से अधिवक्ता ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. वहीं नगर पालिका रायपुर ने मामले में बुधवार तक जवाब पेश करने की बात कही है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

बता दें कि आर्य समाज में शादी को लेकर अभी कोई नियम नहीं है. राज्य भर में कुल 301 आर्य मंदिर संचालित किए जा रहे हैं. जहां 10 हजार रुपए देकर कोई भी 1 घंटे में शादी कर सकता है. आर्य मंदिर में शादी करने के लिए किसी प्रकार के वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होती.

उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिका
गौरतलब है कि केरल ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, जैसी जगहों में आर्य समाज के मंदिरों में शादी करने के लिए नियमावली बनाई गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी नियम अब तक नहीं बनाया गया है. इसी संबंध में नियम बनाने को लेकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिविजन बेंच ने की.

बिलासपुर: आर्य समाज में शादी के लिए नियम बनाए जाने को लेकर लगी जनहित याचिका पर मंगलवार उच्च न्यायालय ने सुनवाई की है. इस मामले में सुनवाई के बाद शासन की ओर से अधिवक्ता ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. वहीं नगर पालिका रायपुर ने मामले में बुधवार तक जवाब पेश करने की बात कही है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

बता दें कि आर्य समाज में शादी को लेकर अभी कोई नियम नहीं है. राज्य भर में कुल 301 आर्य मंदिर संचालित किए जा रहे हैं. जहां 10 हजार रुपए देकर कोई भी 1 घंटे में शादी कर सकता है. आर्य मंदिर में शादी करने के लिए किसी प्रकार के वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होती.

उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिका
गौरतलब है कि केरल ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, जैसी जगहों में आर्य समाज के मंदिरों में शादी करने के लिए नियमावली बनाई गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी नियम अब तक नहीं बनाया गया है. इसी संबंध में नियम बनाने को लेकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिविजन बेंच ने की.

Intro:आर्य समाज में शादी के लिए नियम बनाए जाने को लेकर लगी जनहित याचिका पर आज उच्च न्यायालय ने सुनवाई की। याचिका पर सुनवाई के बाद शासन की ओर से अधिवक्ता ने जवाब प्रस्तुत करने एक हफ्ते का समय मांगा है । वही नगर पालिका रायपुर ने कल तक मामले में जवाब पेश कर देने की बात कही है।दादू राम सोनकर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मामले पर लगाई है जनहित याचिका । अब मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।Body:बता दें कि आर्य समाज में शादी को लेकर अभी कोई नियम नहीं है। राज्य भर में कुल 301 आर्य मंदिर संचालित किए जा रहे हैं। जहां 10 हजार रुपए देकर कोई भी 1 घंटे में शादी कर सकता है। आर्य मंदिर में शादी करने के लिए कोई भी वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होती ।Conclusion:गौरतलब है कि केरल ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, जैसी जगहों में आर्य समाज के मंदिरों में शादी करने के लिए नियमावली बनाई गई है लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी नियम अब तक नहीं बनाया गया। इसी संबंध में नियम बनाने को लेकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पी.पी साहू की डिविजन बेंच द्वारा की गई।
Last Updated : Jan 14, 2020, 11:17 PM IST
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