पेंड्रा-गौरेला-मरवाही: जिले में कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए आनन-फानन में स्वास्थ्य कर्मचारियों (health workers) की भर्ती की गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने 3 महीने के लिए इनकी भर्ती की थी, लेकिन कोरोना के आंकड़ों में कमी को देखते हुए उन्हें अचानक डेढ़ महीने में ही सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया गया. इससे नाराज स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कलेक्टर नम्रता गांधी (Gaurela Pendra Marwahi Collector Namrata Gandhi) को ज्ञापन सौंपा है और न्याय देने की बात कही है.
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15 जून को सभी सेवाएं समाप्ति के दिए थे आदेश
जब कोरोना ( Covid-19) के मामले लगातार बढ़ रहे थे, तब जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के जरिए स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की थी, लेकिन जैसे ही कोरोना के रोज आने वाले मामलों में कमी आई, वैसे ही विभाग ने बिना 3 महीने पूरे हुए सभी कर्मियों को सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 15 जून को नियुक्ति सेवा समाप्त करने का आदेश दिया.
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दुर्ग जिले का दिया उदाहरण
इससे नाराज होकर स्वास्थ्य विभाग में कुछ महीने काम कर चुके लगभग 60 स्वास्थ्यकर्मी कलेक्टर ऑफिस (Collectorate Premises) पहुंचे. परिसर में पहुंचकर स्वास्थ्यकर्मियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन स्वास्थ्य विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा. इसी के साथ सभी ने 6 बिंदुओं में अपनी मांग भी रखी. स्वास्थ्यकर्मियों ने दुर्ग जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी तीन माह के लिए नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित किया गया है, उसी तरह से जिले के भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित किया जाए.