बिलासपुर: हथनीकला गांव, एक ऐसा गांव जहां की माटी वीर सपूतों को जन्म देती है. इस गांव का एक-एक युवा देशभक्ति की रंग में डूबा हुआ है. गांव के सभी युवा फौजी बनकर अपने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है. यह गांव फौजियों के गांव के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है.
यह गांव वर्तमान में मुंगेली जिला में है और इसे आदर्श गांव का दर्जा भी मिल चुका है. वर्तमान में इस गांव में 11 ऐसे परिवार हैं, जहां के युवा सरहद पर भारत माता की रक्षा में तैनात हैं. गांव के बड़े बुजुर्ग अपने सपूतों की कुर्बानी और अदम्य साहस पर फक्र करते हैं. गांव के युवाओं ने भी फौज का रास्ता चुनकर ना सिर्फ आसपास के क्षेत्रों में बल्कि पूरे देश के मानचित्र में हथनीकला का मान बढ़ा दिया है.
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इस गांव में 60 सरकारी कर्मचारी हैं. यहां 12 से ज्यादा लोग प्रशासनिक सेवक के रूप में सेवा दे रहे हैं. यहां शिक्षा के अलख जगाने वाले शिक्षक भी मौजूद हैं. यहां 11 परिवार के युवा देश के अलग-अलग हिस्सों में देश की सीमा पर डटे हुए हैं. गणतंत्र दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत इन वीर सपूतों के अदम्य साहस को सलाम करता है.