गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : जिले में बीते तीन दिनों में आई मौसमी आफत का कोहराम थमा नहीं था कि शनिवार की शाम भीषण ओलावृष्टि ने गरीबों के घरों की छप्पर ही उजाड़ दी. ओलावृष्टि इतनी भयावह थी कि सामान की सुरक्षा करने घरों से निकले लोगों के सिर फूट गए. 100 से ज्यादा घरों की सीमेंट की सीट और मिट्टी के बने हुए खप्पर इस ओलावृष्टि से तबाह हो गए हैं.
ओलावृष्टि के साथ बारिश का पानी घरों में घुस गया. लोगों के पास इससे बचने का कोई उपाय नहीं था, नतीजा यह हुआ कि घर के अंदर रखा पूरा सामान बारिश में भींग कर खराब हो गया. ऐसे में छत्तीसगढ़ की कहावत चरितार्थ होती है कि 'दूबर के दु आषाढ़' याने कोरोना महामारी के चलते बीते एक महीने से लॉकडाउन के चलते खाने-पीने की समस्या थी और अब रहने की समस्या सामने आ खड़ी हुई है.
मुआवजे की मांग
प्रशासन अभी महामारी से निपटने की तैयारी में जुटा हुआ है. अचानक हुई ओलावृष्टि ने गरीबों की कमर तोड़कर रख दी है. मामले में क्षेत्रीय विधायक अजीत जोगी ने प्रदेश सरकार से प्रभावित ग्रामीणों के लिए मुआवजे की मांग की है.