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बिलासपुर : कौशल प्रशिक्षण तो दिया, लेकिन रोजगार देना भूल गई सरकार!

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Published : Oct 16, 2019, 8:07 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:55 PM IST

जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत परसाकापा चुलघट के महिलाओं ने जिला मुख्यालय के कोनी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से फाइल बनाने और पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण लिया है, ETV भारत ने उनसे बात की और उनका हाल जाना.

महामाया महिला स्व सहायता समूह, तखतपुर

बिलासपुर: अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं का विकास जानने कोशिश की गई और जनपद मुख्यालय के आस-पास गांव में जाकर देखा गया, तो अलग-अलग दृश्य देखने को मिले.

महामाया महिला स्व सहायता समूह, तखतपुर

जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत परसाकापा चुलघट के महिलाओं ने जिला मुख्यालय के कोनी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से फाइल बनाने और पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण लिया है. ETV भारत ने उनसे बात की और उनका हाल जाना.

'दिखावटी शोभा बनकर रह गया है प्रशिक्षण'
शासन-प्रशासन पेपर बैग निर्माण प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन तो दे रहा है, लेकिन इसके लिए रोजगार उपलब्ध नहीं कराता. इस विषय में जब प्रशिक्षित महिलाओं से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से उनके लिए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मात्र एक दिखावटी शोभा बनकर रह गया है.

महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बिना किसी सरकारी सहयोग से अपने खर्चे पर कागज के उत्पाद को बढ़ावा देने प्रचार-प्रसार और बिक्री केन्द्र का निर्धारण करने की अपील की है. कागज के अलग-अलग सामान जैसे पेपर बैग, पेपर फाइल (चार प्रकार) और पेपर दोना का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

एक तरफ शासन-प्रशासन ने पेपर बैग निर्माण को लेकर गांव और शहर में प्रचार-प्रसार किए, तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर असुविधा और कमी की बातें सामने आना अभाव की निशानी को झलकाता है.

पढ़ें- SPECIAL: नौकरी छोड़ शुरू की खेती, लाखों रुपए कमा रही है ये बेटी

भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं महिलाएं
तखतपुर जनपद अध्यक्ष नूरीता प्रदीप कौशिक के गृह ग्राम पंचायत करनकापा में महिलाएं भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं. करनकापा गांव के जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह और महिला मानस रामायण मंडली के फ्लैक्स और बैनर इस बात का संदेश देते हैं कि यहां महिला सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार कार्य प्रगति पर है.

बिलासपुर: अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं का विकास जानने कोशिश की गई और जनपद मुख्यालय के आस-पास गांव में जाकर देखा गया, तो अलग-अलग दृश्य देखने को मिले.

महामाया महिला स्व सहायता समूह, तखतपुर

जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत परसाकापा चुलघट के महिलाओं ने जिला मुख्यालय के कोनी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से फाइल बनाने और पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण लिया है. ETV भारत ने उनसे बात की और उनका हाल जाना.

'दिखावटी शोभा बनकर रह गया है प्रशिक्षण'
शासन-प्रशासन पेपर बैग निर्माण प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन तो दे रहा है, लेकिन इसके लिए रोजगार उपलब्ध नहीं कराता. इस विषय में जब प्रशिक्षित महिलाओं से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से उनके लिए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मात्र एक दिखावटी शोभा बनकर रह गया है.

महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बिना किसी सरकारी सहयोग से अपने खर्चे पर कागज के उत्पाद को बढ़ावा देने प्रचार-प्रसार और बिक्री केन्द्र का निर्धारण करने की अपील की है. कागज के अलग-अलग सामान जैसे पेपर बैग, पेपर फाइल (चार प्रकार) और पेपर दोना का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

एक तरफ शासन-प्रशासन ने पेपर बैग निर्माण को लेकर गांव और शहर में प्रचार-प्रसार किए, तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर असुविधा और कमी की बातें सामने आना अभाव की निशानी को झलकाता है.

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भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं महिलाएं
तखतपुर जनपद अध्यक्ष नूरीता प्रदीप कौशिक के गृह ग्राम पंचायत करनकापा में महिलाएं भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं. करनकापा गांव के जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह और महिला मानस रामायण मंडली के फ्लैक्स और बैनर इस बात का संदेश देते हैं कि यहां महिला सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार कार्य प्रगति पर है.

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अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर दिखा विकास के साथ सरकारी कार्यालयों की खानापूर्ती Body:अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर तखतपुर विधान सभा क्षेत्र के महिलाओं का विकास जानने कोशिश की गई और जनपद मुख्यालय से आसपास गाँव में जाकर देखें तो अलग अलग दृश्य दिखाई दिया। तखतपुर जनपद अध्यक्ष श्रीमती नूरीता प्रदीप कौशिक के गृह ग्राम पंचायत करनकापा पहुंचे, वहाँ भागवत गीता का पाठ सुनती महिलाएं दिखी। वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष महोदया के ग्राम में लगे जय लक्ष्मी स्वा सहायता समुह और महिला मानस रामायण मण्डली करनकापा के फ्लैक्स बैनर इस बात के संदेश है कि यहां महिला सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार कार्य प्रगति पर है। वहीं मुख्यालय से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत परसाकापा चुलघट के ग्रामीण महिलाओं द्वारा जिला मुख्यालय के कोनी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से फाइल बनाने एवं पेपर बैग प्रशिक्षण लेकर आ गए हैं। उनसे बात किया गया।
शासन प्रशासन द्वारा पेपर बैग निर्माण प्रशिक्षण प्रोत्साहन परन्तु रोजगार नहीं - इस विषय में जब प्रशिक्षित महिलाओं से सम्पर्क किया तो बताया उन्हें अब तक कोई सुविधा नहीं मिल रहा है जिससे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मात्र एक दिखावटी शोभा बना हुआ है। एक ओर शासन प्रशासन द्वारा पेपर बैग निर्माण को लेकर ग्रामीण एवं नगर में कई प्रचार प्रसार किया वहीं अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर ऐसे महिला की बात सामने आया जिसमें पेपर बैग निर्माण प्रशिक्षण से अब तक कोई लाभ नहीं है। वहीं दूसरी ओर महिला स्वसहायता के सदस्यों ने बिना कीसी सरकारी सहयोग के अपने खर्चे पर कागज के उत्पाद को बढ़ावा देने प्रचार प्रसार तथा बिक्री केन्द्र की निर्धारण की अपील किया। कागज के अलग अलग सामान जैसे पेपर बैग, पेपर फाइल चार प्रकार और पेपर दोना ठोंगा का निर्माण कार्य किया जा रहा है कम प्रचार प्रसार के कारण शासन प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है। Conclusion:ग्रामीण महिला का बाइट

रिपोर्ट नरेन्द्र ध्रुव तखतपुर बिलासपुर
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:55 PM IST
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