पेंड्रा: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस एक बार फिर भयावह रूप धारण करने लगा है. बावजूद इसके प्रदेश के कई इलाकों में लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं. कोरोना को लेकर तमाम सरकारी गाइडलाइन को दरकिनार किया जा रहा है. कोरोना से बचाव के लिए लोग अब भी जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं. पेंड्रा के सबसे बड़े मवेशी बकरी बाजार में कोरोना गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. बाजार में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं.
पेंड्रा के दुबटिया गांव में लगने वाले संभाग के सबसे बड़े साप्ताहिक मवेशी बाजार में हजारों व्यापारी इकट्ठा होते हैं, जिनमें स्थानीय विक्रेताओं के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक से व्यापारी पहुंचते हैं. यहां से बकरियां खरीदकर अपने प्रदेशों में लेकर जाते हैं. हजारों की संख्या में जुटने वाले इन व्यापारियों के बीच कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. स्थानीय और न ही बाहरी किसी भी व्यापारी ने मास्क नहीं लगाया है.
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मवेशी बाजार में प्रशासन की बड़ी लापरवाही
बकरी व्यापारी 1 -2 दिन पहले से ही आकर इलाके में रुक जाते हैं. बाजार के दिन बड़ी मात्रा में बकरियों को खरीदकर अपने प्रदेश लेकर जाते हैं. ये व्यापारी जिन प्रदेशों से आ रहे हैं. वहां भी कोरोना महामारी बना हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ में आने और जाने के दौरान इन लोगों ने कहीं भी मास्क नहीं लगाया जा रहा है. इतना बड़ा मवेशी बाजार लगने के बावजूद प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा यहां मौजूद नहीं होता.
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प्रशासन की लापरवाही से कोरोना का बढ़ा खतरा
पेंड्रा में प्रशासन की लापरवाही के कारण कोरोना का खतरा सिर पर है. बकरी बाजार में जिस तरह से कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है, उससे लग रहा है कि एक भी व्यापारी कोरोना संक्रमित हुआ, तो हालात बद से बदतर हो जाएगा. पेंड्रा में कोरोना वायरस एक बार फिर भयावह हो सकता है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ऐसे बाजार पर विशेष निगरानी रखे, ताकि स्थानीय लोगों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाया जा सके.